देश

संजय राऊत ने दावा किया-जल्द ही मुख्यमंत्री शिंदे की कुर्सी जाने वाली है : 70 हज़ार करोड़ के घोटालेबाज़ों को मिले 7 मलाई वाले मंत्रालय!

लंबे चले अटकलों के दौर के बाद महाराष्ट्र में शिंदे कैबिनेट का विस्तार आखिरकार शुक्रवार को हो ही गया। हाल ही में एनडीए में शामिल हुए एनसीपी नेता अजित पवार को वित्त और योजना विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। छगल भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग सौंपा गया है। दूसरी तरफ, इस बहुप्रतीक्षित विस्तार के बाद राज्य की राजनीति में बयानबाजी शुरू हो गई है। इस कैबिनेट विस्तार पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, अंबादास दानवे ने प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे से बगावत करने वालों पर तंज भी कसा है।

क्या बोले संजय राऊत?
महाराष्ट्र में हुए कैबिनेट विस्तार पर टिप्पणी करते हुए संजय राऊत ने दावा किया है कि अब जल्द ही मुख्यमंत्री शिंदे की कुर्सी जाने वाली है। उन्होंने कहा कि अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बदला जाएगा। साथ ही कहा कि हम भविष्य में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को सत्ता संभालते हुए और सरकार चलाते हुए देख सकते हैं।

समय उद्धव से बगावत करने वालों से ले रहा बदला
इस मुद्दे पर महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि समय उन 40 विधायकों से बदला ले रहा है, जिन्होंने उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की थी। दानवे ने कहा कि जब वे महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार का हिस्सा थे, तब शिवसेना विधायकों ने अजित पवार पर उन्हें धन से वंचित करने का आरोप लगाया था और पार्टी छोड़ दी थी। आज वही राज्य के वित्त मंत्री बन गए हैं।

किसे क्या मिला?
जानकारी के मुताबिक, अजित पवार को वित्त और योजना विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। छगल भुजबल को खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग सौंपा गया है। दिलीप वाल्से पाटिल को सहकारिता, अदिति तटकरे को महिला और बाल विकास, धनंजय मुंडे को कृषि की जिम्मा दिया गया है।

इसके अलावा हसन मुशरीफ को स्वास्थ्य और शिक्षा मंत्रालय तथा अनिल पाटिल को राहत और पुनर्वास, आपदा प्रबंधन विभाग दिया गया है। बता दें कि कृषि मंत्रालय पहले मुख्यमंत्री शिंदे के पास था। इसके अलावा भाजपा नेताओं के पास स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल मंत्रालय थे। धर्मराव बाबा आत्राम को खाद्य एवं औषधि मंत्रालय और संजय बनसोडे को खेल और युवा कल्याण दिया गया है।

गौरतलब है कि बीते साल एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में 40 विधायकों द्वारा बगावत किए जाने के बाद एमवीए की सरकार गिर गई थी। इसके बाद शिंदे ने जून 2022 में सीएम बनने के लिए बीजेपी से हाथ मिला लिया। वहीं, हाल ही में एक बार फिर महाराष्ट्र में एक पार्टी में बगावत हुई है। इस बार अजित पवार और उनके समर्थक एनसीपी से अलग हुए हैं। इतना ही नहीं एनसीपी से अलग होकर वे भी सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बन गए हैं।

दो जुलाई को ली थी शपथ
दो जुलाई को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार और उनकी पार्टी के आठ अन्य विधायकों ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री पद की शपथ ली थी। इस चौंकाने वाले कदम से शरद पवार के नेतृत्व वाले संगठन में विभाजन हो गया था।