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संजीव कुमार की दो पत्नियां थीं, जिनके साथ वह बहुत ही क्रूर व्यवहार करता था….फिर जो हुआ वो

नई दिल्ली।गोविंदपुरी में डीटीसी के ड्राइवर की हत्या का खुलासा पुलिस ने कर दिया है। इस वारदात की कई चौंका देने वाली बातें सामने आई हैं। ड्राइवर की दो पत्नियां थीं, जिनके साथ वह बहुत ही क्रूर व्यवहार करता था। आए दिन दोनों के साथ हैवानों की तरह पेश आता था। इस वजह से दोनों पत्नियों ने ऐसी खौफनाक साजिश रची, जिसने सभी को हैरान कर दिया।

ड्राइवर संजीव कुमार(45) की हत्या दोनों पत्नियों व एक बेटी ने करवाई थी। संजीव की हत्या के लिए दूसरी पत्नी ने 15 लाख रुपये में शार्प शूटर को सुपारी दी थी। आरोपी पति पत्नियों के साथ बहुत ज्यादा मारपीट करता था। इतना ही नहीं हर वक्त क्रूर व्यवहार करता था। इस वजह से दोनों पत्नियों ने पति की हत्या की साजिश तीन वर्ष पहले रची थी। दोनों पत्नियां पति की हत्या के बाद प्रॉपर्टी को आपस में बांटना चहाती थीं। पुलिस दूसरी पत्नी के फुफेरे भाई व सुपारी किलर की तलाश कर रही है।

दक्षिण-पूर्व जिला पुलिस उपायुक्त ईशा पांडेय के अनुसार, गिरफ्तार पहली पत्नी का नाम गीता उर्फ नजमा(27), दूसरी पत्नी का नाम गीता देवी(45) और बेटी कोमल(21) है। कोमल गीता की बेटी है। गीता किराए पर एक बेटा व कोमल समेत दो बेटियों के साथ दक्षिणपुरी में किराए पर रहती थी। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि छह व सात जुलाई की रात मजीदिया अस्पताल से सूचना मिली थी कि गोविंदपुरी निवासी संजीव कुमार को अस्पताल में लाया गया है। परिजन बता रहे हैं दुर्घटना हुई है, मगर संजीव की गोली मारकर हत्या की गई है।

मौके पर इंस्पेक्टर सुनील कुमार व एसआई रवि बेनीवाल को पता लगा कि संजीव को पत्नी गीता उर्फ नजमा ने भर्ती कराया है। गीता ने ये भी बताया कि वह पति के साथ मोटरसाइकिल से सब्जी खरीदकर घर जा रही थी। दुर्घटना होने की वजह से उसके पति नीचे गिर गए। गोली लगने के बाद में गीता उर्फ नजमा ने कुछ नहीं बताया।

मामला दर्जकर एसीपी प्रदीप कुमार की देखदेख में गोविंदपुरी थानाध्यक्ष जगदीश यादव, इंस्पेक्टर सुनील कुमार, एसआई विवेक तोमर व एसआई रवि बेनीवाल की टीम ने जांच शुरू की। गीता उर्फ नजमा ने पुलिस को गुमराह करने की ये कहकर कोशिश की कि ओखला डिपो के डीटीसी कर्मियों ने गोली मारकर संजीव की हत्या की है।

फोटो डिलीट करने से खुला हत्या का राज
पुलिस को पता लगा कि गीता उर्फ नजमा ने अपने मोबाइल से फोटो डिलीट की है। फोन की जांच करने पर पता लगा कि नजमा ने हत्या के समय संजीव जिस बाइक को चला रहा था उसकी नंबर प्लेट की फोटो डिलीट की है। उसने पांच जुलाई को नंबर प्लेट की फोटो ली थी और उसी दिन डिलीट कर दी थी। इससे पुलिस को उस पर संदेह हो गया। कड़ाई से पूछताछ करने पर नजमा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

संजीव बहुत ही क्रूर व्यवहार व मारपीट करता था
संजीव ने दो शादियां की थीं। पहली पत्नी गीता एक बेटा व दो बेटियों साथ दक्षिणपुरी में रहती थी। संजीव ने उसे छोड़ दिया था। मगर गीता की संजीव की दूसरी पत्नी गीता उर्फ नजमा से बात होती थी। गीता ने नजमा को बताया कि संजीव उसके साथ बहुत ही अमानवीय व्यवहार करता था। संजीव नजमा के साथ भी अमानवीय व्यवहार करता था। ऐसे में दोनों पत्नियों ने कोमल के साथ मिलकर संजीव की हत्या की साजिश रच ली। ये साजिश करीब तीन वर्ष पहले रची थी।

पति की हत्या की सुपारी 15 लाख में दी थी
गीता उर्फ नजमा ने अपने बुआ के लड़के इकबाल से संपर्क किया। इकबाल ने गीता उर्फ नजमा के कहने पर शॉर्प शूटर नायूम से मिलवाया। नजमा ने उसे 15 लाख रुपये की सुपारी दी थी। नजमा ने संजीव की मोटरसाइकिल की नंबर प्लेट शॉर्प शूटर नायूम को दे दी थी। इसके बाद नायूम व इकबाल ने मौके पर जाकर संजीव को गोली मार दी थी। गीता एनडीएमसी में अनुबंध पर काम करता था।