उत्तर प्रदेश राज्य

सऊदी अरब के विशेष सचिव का दारुल उलूम देवबन्द पहुँचने पर किया गया शानदार स्वागत

देवबन्द का नाम पूरी दुनिया में शिक्षा के क्षेत्र में की जाने वाली सेवाओं के लिये मशहूर है,जिसका नाम और भारत में ही नही भारत के बाहर देशों में भी किया जाता है,सऊदी अरब सरकार के विशेष सलाहकार समिति के तीन सदस्य दारुल उलूम वक़्फ़ पहुँचे जहां पर उनका भव्य स्वागत किया गया।

बृहस्पतिवार को दारुल उलूम में पहुंचे सऊदी अरब हुकूमत के विशेष सलाहकार डा. अब्दुल अजीज अम्मार का संस्था के मेहमानखाने में मोहतमिम मौलाना मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी, जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना सैय्यद अरशद मदनी, दारुल उलूम के उस्ताद मौलाना सलमान बिजनौरी, नायब मोहतमिम मौलाना अब्दुल खालिक मद्रासी, मौलाना अब्दुल खालिक संभली और मौलाना खलील अमीनी आदि ने स्वागत किया।

इस दौरान मोहतमिम ने उन्हें दारुल उलूम की स्थापना व इतिहास के बारे में बताया। इसके उपरांत एशिया की प्रसिद्ध मस्जिद रशीदिया में आयोजित सम्मान समारोह में डा. अब्दुल अजीज अम्मार ने कहा कि यह छात्रों की खुशकिस्मती है कि वो दारुल उलूम जैसे इदारे में तालीम हासिल कर रहे हैं।

साथ ही कहा कि हकीकत यह है कि दारुल उलूम एक आलिमी तहरीक है और इस तहरीक को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। इसके बाद अब्दुल अजीज दीनी तालीम के दूसरे सबसे बड़े इदारे दारुल उलूम वक्फ में पहुंचे।

जहां आयोजित कार्यक्रम में संस्था के मोहतमिम मौलाना सुफियान कासमी, मौलाना शकेब कासमी, शेखुल हदीस मौलाना अहमद खिजर शाह मसूदी समेत उस्तादों ने स्वागत किया। यहां डा. अब्दुल अजीज ने कहा कि इस मुकद्दस सरजमीन पर हाजिरी मेरे लिए गर्व का विषय है। इस मौके पर मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर, मौलाना सिकंदर, मौलाना इस्लाम कासमी, मौलाना इजहार, मौलाना मुफ्ती आरिफ कासमी, मौलाना वासिफ आदि मौजूद रहे