दुनिया में मुसलमानों पर जो अत्याचार होरहे हैं उनमें किसी ना किसी तरह से मुस्लिम राष्ट्रों का बड़ा योगदान है,क्योंकि इनकी आपसी लड़ाई के कारण उम्मत मुस्लिम चक्की के पाटों के बीच में पिसती हुई नज़र आरही है,पिछले लगभग एक साल से अरब दुनिया मे मचे हुए हँगामा रुकने का नाम नही लेरहा हा अमेरिका के इशारे पर सऊदी अरब के सहयोगी देशों ने एक अरब देश क़तर का पूर्ण बायकॉट किया हुआ है ,जिसके बाद क़तर को बड़ी आर्थकि मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।
Saudi Arabia, Egypt, Bahrain and the United Arab Emirates severed diplomatic and economic ties with Qatar last yearhttps://t.co/9hbcGydz4r
— Haaretz.com (@haaretzcom) June 3, 2018
सऊदी अरब जब चाहता है तब क़तर को आँखें दिखानी शुरू कर देता है जबकि क़तर के साथ भी कई विश्व शक्तिशाली देश लगे हुए हैं,अब क़तर जब अपनी सुरक्षा के लिए क़तर कोई कदम उठा रहा जा तो सऊदी अरब की आंखों में किरिकिरी होने लगी है और सऊदी अरब ने कतर को धमकाते हुए कहा है कि अगर उसने रूस से टॉप रेंज एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली खरीदी तो उसके खिलाफ सैन्य कार्रवाई की जाएगी।
Saudi Arabia has threatened to launch military strikes on Gulf neighbour Qatar, over the sale of the Russian S-400 missile system, according to French mediahttps://t.co/kFgNyhyLsD
— The New Arab (@The_NewArab) June 2, 2018
The New Arab अखबार ने इस खबर को प्रकाशित किया। जिसने लिखा है कि रियाद ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रॉन को लिखा कि वह आगे बढ़ने वाले सौदे को रोकने और क्षेत्रीय स्थिरता को बचाने में मदद करने के लिए हस्तक्षेप करें।
प्राप्त समाचार अनुसार हालांकि रिपोर्ट पर राष्ट्रपति कार्यालय या फ्रांसीसी विदेश मंत्रालय से कोई तत्काल आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। बहरीन और सयुंक्त अरब अमीरात समेत अन्य क्षेत्रीय शक्तियों द्वारा समर्थित सऊदी अरब ने पिछले साल जून में कतर के साथ संबंध तोड़ दिए थे। कट्टरपंथी इस्लामी संगठन इस्लामिक स्टेट का साथ देने और ईरान के करीब जाने के कारण सऊदी अरब ने कतर के खिलाफ ये कदम उठाया।
बाद में उन्होंने कतर पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए। हालांकि कतर अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज कर चुका है। अपने अलगाव को कम करने के प्रयास में कतर ने रूस समेत नए दोस्त बनाए हैं। जनवरी में इसकी घोषणा की गई थी कि अत्याधुनिक एस-400 प्रणाली की आपूर्ति पर मॉस्को के साथ वार्ता एक ‘उन्नत चरण’ पर है।
‘ली मोंडे’ ने कहा कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में सऊदी किंग सलमान ने दोहा और मॉस्को के बीच चर्चाओं पर अपनी ‘गहरी चिंता’ व्यक्त की और जोखिम के बारे में चेतावनी दी। समाचार पत्र ने लिखा, ‘सऊदी अरब इस रक्षा प्रणाली को खत्म करने के लिए सैन्य कार्रवाई सहित सभी आवश्यक कदम उठाने के लिए तैयार है।