M.M. Dhera(Advocate)
@AdvocateDhera
कल मैंने 950 रु किलो की दर से घी लिया।
पिताजी अचंभित 🤔 हो कर बोले कि हमारे समय में तो इतने रुपए में ‘ढ़ेर सारा’ घी आ जाता।
मैंने कहा, पिताजी ढ़ेर सारा यानी कितना 🤔 ? उदाहरण देकर समझाइये।
मेरी बात सुन पिताजी शांत रह गए।
मैंने फिर पूछा, पिताजी ढ़ेर सारा मतलब कितना ?
पिताजी कुछ नहीं बोले, बस चुपचाप छत पर आ गए। ऊपर आकर वो शांति से बैठे, पानी पिया फिर बोले…
बेटा, ‘ढ़ेर सारा’ यानि बहुत ज्यादा…
उदाहरण देकर कहूँ तो हमारे समय में इतने रुपए में इतना घी आ जाता कि पूरा मोहल्ला एक एक कटोरी घी पी लेता ।
मैं बोला… पिताजी, ये उदाहरण तो आप नीचे भी दे सकते थे🤔 ?
बेटा, नीचे बहुत भीड़ थी और “भीड़ को उदाहरण समझ नही आता हैं।”
मैं बोला, पिताजी में कुछ समझा नही…😯
‘भीड़ को उदाहरण’ समझ में नही आता है क्या ?
पिताजी बोले…
एक बार मोदी जी ने कहा था कि “विदेशों में हमारे देश का बहुत सारा काला धन जमा है।”
भीड़ ने कहा कि… कितना ?
तो मोदी जी ने उदाहरण देकर समझाया, “इतना कि पूरा पैसा अगर वापस आ जाए तो सभी के हिस्से में 15-15 लाख आ जाए।”
बस सुनने वालों की भीड़ तभी से “15 लाख” मांग रही है
और ये उदाहरण अगर मैं नीचे देता तो हो सकता है कि कल कई लोग अपनी-अपनी कटोरी लेकर घी मांगने आ जाते।
सम्पत सरल जी कों कोटी कोटी नमन हैं, क़्या गजब का उधेडा हैं 😂😂😂😂 pic.twitter.com/OQmdKAWIUw
— M.M. Dhera(Advocate) (@AdvocateDhera) July 15, 2023