साहित्य

सच्ची घटना……सालों बाद उसकी कॉल आई मेरे पास ….!!

लक्ष्मी कान्त पाण्डेय
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सच्ची घटना……!!
सालों बाद उसकी कॉल आई मेरे पास ….!!
ड्यूटी से रात्रि 10 बजे लोट कर आया खाया पिया 11 बज गये नींद नही आ रहा था और और कब रात के करीब 1:30 बज गये पता ही नही चला मैं जगा हुआ था।
इंस्टाग्राम पर फीड्स स्क्रॉल कर रहा था memes देख रहा था अचानक एक अननोन नंबर से कॉल आया…..
मुझे समझ में नहीं आया कि इतनी रात को आखिर कौन हो सकता है मैंने सोचा इग्नोर कर देता हूं अगर कोई इंपॉर्टेंट कॉल होगी तो दोबारा आ जाएगी।
I ignore it , लेकिन वो ऑफ फिर आई मैंने इस बार कॉल उठा ली…
मैंने हेलो बोला …..
सामने से आवाज आई, “हेलो” अचानक से पूरा मूड बदल गया मेरा, क्योंकी ये आवाज कुछ जानी पहचान सी लग रही थी।
ये आवाज सुनते ही आँखों के सामने अँधेरा छा गया , बहुत सी यांदे ताज़ा हो गई
मेरी टूटी हुई आवाज़ में एक बार फ़िर हेलो निकला , औऱ वहाँ से आवाज़ आई , डिस्टर्ब तो नहीं किया…?
मुझे रिप्लाई करते हुए भी घबराहट सी हो रही थी , बोलू की ना बोलू कुछ समझ में नहीं आ रहा था मेरे मन में सवालों का भवंडर घुमने लगा…
कि आखिर क्यों , आज ऐसे अचानक इतने सालों बाद मेरी याद आ गई , क्यों आए हो अब …
मैंने हिम्मत करके बोला , “नहीं , बोलो” उसने पूछा , “कैसे हो ?” मैंने कहा ठीक हूं , तुम ?”
मेरे इस सवाल के बाद उसका रोना छूट गया , और कहा , “ठीक नहीं हूं”
अब में और भी ज्यादा कंफ्यूज हो गया कि यह हो क्या रहा है ? “Out of nowhere” इतने सालों के बाद देर रात को कॉल आती है और रोना निकल गया…
मैंने छुपाया , बात करी तो पता चला कि वह जिसके साथ थी उसने उसको किसी और के लिए छोड़ दिया….
वो जैसे-जैसे बता रही थी, कि जिस तरह से वो गिड़गिड़ाई उसके लिए , उसे रुकने के लिए , उसके प्यार के लिए , उसी तरह मैं भी गिड़गिड़ाया था एक दिन….
उसी के लिए , उसी के प्यार के लिए , और जिस तरह से उस लड़के ने मुड़कर नहीं देखा उसे , उसी तरह उसने भी नहीं मुड़ के देखा था मुझे…..
मेरे आंखों में आंसू थे , और चेहरे पर मुस्कुराहट , किसी के कर्मों कि सज़ा उसे बखूबी मिली है , किसी के सच्चे प्यार को ठुकराने की सज़ा बड़ी शिद्दत से मिली है ….
वो रोते रोते मुझसे माफ़ी माँगने लगी , बहुत माफ़ी माँगी , बहुत मिन्नतें कि , कि मैं उसे माफ़ करके उसे अपना लू , उसे अपनी ज़िंदगी में वापस बुला लूँ….
मैंने उसे कई साल प्यार किया था , कई साल लग गए मुझे उसके प्यार से उभरने में , वो लौटी तो ऐसा लगा जैसे मेरी जिंदगी, मेरी खुशियां लौट आई….
मैंने उसे माफ कर दिया , फिर उसने मुझसे पूछा, क्या तुम मुझे अपनाओगे….
इस सवाल को सुनते ही मुझे वो सारे दिन, सारी यादें, सारे किस्से याद आ गए, हमारी पूरी रिलेशनशिप फ्लैश हो गई
और मैंने आंखों में आंसू लिए, जवाब दिया…..
“कभी नहीं…….”
मैं तुम्हें तुम्हारे किए पर माफ जरूर कर सकता हूं , पर तुम्हारे जैसे इंसान को अपनाने की भूल कभी जिंदगी में नहीं कर सकता…..
वो ज़ख्म जो तुमने दिए , वो आंसू जो तुम्हारी याद में हर रात , दिन , महीने , सालों तक बहाए वो कैसे भूल जाऊं वह दर्द जो तुमने दिया है उसे कैसे भूल जाऊं ??
ये जो हुआ हैं ना तुम्हारे साथ , यह तुम्हारे कर्मों की सजा है, और इसे तुम्हें भुगतना पड़ेगा ना चाह कर भी…
अगर तुम्हारी कोई मजबूरी होती तो शायद मैं एक बार तो तुम्हें अपना भी लेता , मगर तुमने मुझे किसी और के लिए छोड़ा. “YOU REPLACED ME..”
HOW CAN I FORGET ? , I’M SORRY … लेकिन मैं तुम्हारे साथ अब औऱ नहीं चल सकता , हो सके तो दोबारा कॉल मत करना…..
इतना कहते ही मैंने फोन रख दिया , यह पहली बार था जो मैंने उसको “ना” कहा था…


मुझे रोना तो बहुत आया, औऱ मैं रोया भी पर मैंने गलतियां दोहराने की भूल नहीं की…..
जिंदगी में एक वक्त ऐसा आता है जब आपको दिल नहीं दिमाग से काम लेना पड़ता है। दिल अक्सर बहका देता है पर दिमाग सब जानता है, सही गलत , सब कुछ जानता है
हम सारी जिंदगी दिल की सुनते रहते हैं , और दिमाग को इग्नोर करते रहते हैं……।
लेकिन आज फिर एक बार मैने दिमाग को भूल कर दिल की सुनी और दूसरी रात को उसको काल किया लेकिन उसने रिप्लाई नही दिया
मैने उसको कई बार कॉल किया लेकिन कोई जवाब नही मिला रात भर सो नहीं पाया सुबह का इंतजार करने लगा मैं सुबह भोर में उठकर उस के पति के घर पहुंचा तो पता चला कि वो कल रात में कही चली गई
अब यह सुनकर मेरे आंख से आंसू निकलने लगे मैंने उसको खोजने की बहुत कोशिश की वह नही मिली
मैं बहुत परेशान होकर रात दिन उसको खोजने लगा और उसके बारे में सोचने लगा की कास उस दिन मैं उसको माफ करने के बाद अपना लेता तो आज मेरी मोहब्बत मेरे साथ होती
अब उसको पागलो की तरह खोजने लगा रातों दिन बिना कुछ खाए पिए कही कुछ मिल जाता वही खा पी लेते
कभी कभी लोग रात में चोर समझ के बहुत मारते थे और क्यों न मारे मेरी शकल वैसे बन गई थी बड़ी-बड़ी दाढ़ी बड़े बड़े बाल
फिर अगले सुबह एक चौराहे पर उसको खोजते समय किसी कर वाले ने टक्कर मार दिया और मैं वही गिर पड़ा लोगो की भीड़ लग गई कौन है कौन है करके
और सब लोग देख कर चले जाते लेकिन उसी भीड़ में कही से वो पगली भी आ गई लेकिन अफसोस वह भी नही पहचान सकी वह भी देखकर जाने लगी तो लोगो से सुना की कोई प्रेम में पागल हुआ है उसको देखने से लगता है क्योंकि उसने अपने सीने पर दिल बनवाकर किसी श्रृष्टि का नाम लिख वाया है
और जब वह इतना सुनती है तो भाग कर आती है और मुझ से लिपट कर रोने लगती है फिर लोग एंबुलेंस बुलाकर मेरा इलाज कराते हैं लगभग तीन महीने में मैं ठीक हो जाता हूं
और अब मैं और मेरी श्रृष्टि दोनो साथ रहने लगे हैं….!!