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सच्ची “पत्रकारिता” ख़तरे में है, आज हमें निष्पक्ष निर्भीक पत्रकारों से मदद की ज़रूरत है : बृजेश बादल पत्रकार का लेख!

Brajesh Badal Partaker
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*”सच्ची”पत्रकारिता” खतरे में आज हमें आप देश के निष्पक्ष निर्भीक पत्रकारों से मदद की जरूरत है
लगातार बिना रुके बिना थके चार वर्षो से निस्वार्थ भाव से पत्रकारिता करके देश की सेवा कर रहा हूं।
तथा गरीब कमजोर मजदूर वर्ग के लोगों के लिए आगे आकर पड़ा होकर उन्हें न्याय मिले हर संभव प्रयास करता हूं।
साथ ही अपने पत्रकार बंधुओं का मनोबल बढ़ाने का और उन्हें निष्पक्ष लिखने का हौसला भी देता हूं जहां मुझे गलत दिखता है मैं खुलकर विरोध करता हूं।
किसी भी विभाग का लापरवाही हो किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार देख रहा हो तो उस पर विचार लिखकर शासन प्रशासन को अवगत कराने का कार्य किया जिससे देश की जनता को तो राहत मिला ही है साथ में हमारे तमाम पत्रकार बंधु हमारी तरह काम करके आम जनता के सुख दुख में शामिल हुए हैं।
पुलिस प्रशासन से भी जुड़े लोग जो लोग सिर्फ अपना ड्यूटी करने पर भरोसा रखते हैं जो कहीं से अपराध भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं है वह लोग भी हमारा समर्थन करते हैं और हमें निरंतर आगे बढ़ने के लिए हमारा सहयोग करते हैं।
परंतु कुछ तथाकथित अपने ही आपको पत्रकार कहने वाले मीडिया को बदनाम करने वाले पत्रकार जिनको लिखना नहीं आता बोलना नहीं आता और पत्रकारिता की आड़ में गलत कार्य में लिप्त है तथा कुछ पुलिस वाले जो अवैध वसूली लोगों के साथ गलत व्यवहार करते हैं अपराध भ्रष्टाचार करने वालों का समर्थन करते हैं ऐसे लोगों के कारण हमें पत्रकारिता करने में बहुत ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
दोस्तों आप सभी को क्या बताना आप सब हम से बेहतर समझते हैं और हमारे तमाम निष्पक्ष लिखने वाले पत्रकार बंधुओं के साथ ऐसा हुआ भी होगा जो आज मेरे साथ हुआ है।
एक तरफ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बाबा आदित्यनाथ योगी महाराज का दिशा निर्देश की सड़कों पर अतिक्रमण नहीं होगा चौराहे से 50 मीटर दूरी पर ई रिक्शा ऑटो विक्रम खड़े होंगे चौराहे से 50 मीटर दूरी पर ही ठेले खोमचे की दुकान लगेगी अवैध टैक्सी स्टैंड नहीं होगा।
अवैध निर्माण नहीं होगा।
शहर गड्ढा मुक्त होगा इधर उधर गंदगी नहीं होगी ऐसे तमाम मुद्दा है जो सिर्फ और सिर्फ कहने घर का है जब कोई पत्रकार अवैध निर्माण का खबर चलाएगा तो उस पर बिल्डरों द्वारा मारपीट किया जाएगा और उल्टे पत्रकार पर ही मुकदमा दर्ज करा दिया जाएगा।
जब कोई पत्रकार गड्ढा मुक्त की सच्चाई दिखाने के लिए तस्वीरों को खबरों के माध्यम से दिखाने का प्रयास करेगा उस पर भी प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचार में लिप्त होने वाले लोगों द्वारा उसे भी सलाखों के पीछे भिजवाने का कार्य किया जाएगा।
कोई पत्रकार अतिक्रमण का अवैध टैक्सी स्टैंड का जाम का और वहां तैनात ट्रैफिक पुलिस वालों की सच्चाई दिखाएगा तो उसके घर कोर्ट द्वारा नोटिस आ जाएगा जैसे हमारे साथ हुआ।
इस तरह से इसलिए किया जाता है ताकि पत्रकारों का मनोबल गिरे पत्रकार डर जाए और ऐसे तस्वीरों को दिखाने का हिम्मत ना करें ताकि यह मनमानी तरीके से भ्रष्टाचार फैलाते रहे और आम जनता को आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
ऐसे भ्रष्ट लोगों को पता होता है कि अब हमारी बात उच्च अधिकारी तक पहुंच गई या फिर उत्तर प्रदेश सरकार तक पहुंच गई तो हमें जवाब देना होगा और हो सकता है कि नौकरी से भी हाथ होना पड़े इसलिए ऐसे लोग सिर्फ और सिर्फ पत्रकारों को टारगेट करते हैं खासकर उन पत्रकार को जो बिकाने ही होता है जो इनका चाय का ऑफर स्वीकार नहीं करता है और अपने देश के लिए खबरों को बिना किसी भय के चला देता है।
परंतु मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता मैं न्यायालय का सम्मान करता हूं और न्यायालय पर भरोसा रखता हूं इसलिए मुझे ऐसे नोटिस से ना तो डर लगता है ना मुझे कोई फर्क पड़ने वाला है मैं जैसे लिख रहा था जैसे बोल रहा था वैसे लिखता रहूंगा वैसे बोलता रहूंगा और अपने देश के जनता की निस्वार्थ भाव से सेवा करता रहूंगा अपने पत्रकार साथियों के लिए हमेशा अपराधी भ्रष्टाचारियों से लड़ता रहूंगा।
आज हमें अपने पत्रकार बंधुओं की मदद की जरूरत है आज हम अकेला ना पड़ जाए हम टूट ना जाए इसके लिए आप सभी पत्रकार बंधुओं से अपील है कि हमारी समर्थन करें और हमें आगे बढ़ने के लिए हमारा सहयोग करें ताकि हम ऐसे भ्रष्ट लोगों को मुंहतोड़ जवाब दें और फिर वह दोबारा किसी पत्रकार को दबाने का कोशिश ना कर सकें।
आज हमें अपने देश के नागरिक की भी जरूरत है जिसके लिए हम काम करते हैं जिनके समस्याओं पर सवाल करते हैं जिसका खामियाजा आज मुझे भुगतना पड़ रहा है इसलिए आप सभी देश के नागरिक से अनुरोध है कि आज हमारा समर्थन करें और जिस टी एस आई ने साजिश के तहत फर्जी नोटिस भिजवाया है उसे जवाब दे सकूं।