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तुम इक बार हमसे मरासिम तो जोड़ो…शकील सिकंद्राबादी की दो ग़ज़लें एक साथ पढ़िये!
Shakeel Sikandrabadi =========== ग़ज़ल असर मुझ पे होता नहीं है बला का करिश्मा है ये मेरी माँ की दुआ का किया अज़्म का जब दिया मैंने रौशन इधर से उधर फिर गया रुख़ हवा का मेरे मौला उनको हिदायत अता कर चलन छोड़ बैठीं जो शरमो हया का तू गाता है जिस शौक़ से फिल्मी […]
मूँगफली के छिलके : मुकेश कुमार की रचना
Kumar Mukesh · ============= · मूँगफली के छिलके : ————— संतोष रोज़ शाम की तरह आज भी टहल कर वापस आया और टीवी वाले रुम में रखे टेबल पर बैठ गया. छोटा भाई और संतोष की बेटी टीवी देख रहे हैं. दोनों टीवी देखने में इतने मशगूल हैं की ध्यान ही नहीं दिया. संतोष की […]
कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा?…लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़ें!
Laxmi_sinha ============ क्या हमने कभी यह सोचा है कि अगर हमारे ऊपर कोई जबरन नियंत्रण करने की कोशिश करें तो क्या होगा,,? प्रकृति के नियम अनुसार पतझड़ के मौसम में असंख्य पत्ते पैडों से गिरते हैं,परंतु इस पर न पेड़ रोते हैं और न गिरते हुए पत्ते। क्यों? क्योंकि वे प्रकृति के नियमों की भली-भांति […]