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साँसद असरारुल हक़ क़ासमी ने कहा “दुश्मन ताक़तें मुसलमानों को उलेमा से दूर करना चाहती हैं,मुस्लिम बच्चियों के खिलाफ हुई है बड़ी साज़िश”

देवबंद: भारत के मशहूर आलिम ए दीन और किशनगंज से लोकसभा सांसद मौलाना असरार उल हक क़ासमी ने देवबन्द स्थित जामिया तूल शेख हुसैन अहमद मदनी मदरसे में किशनगंज पूर्णिया के छात्रों द्वारा आयोजित अंजुमन में भाग लेने पहुँचे, जहां उन्होनें छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस दौर में उलेमा की ज़िम्मेदारी पहले से ज़्यादा बढ़ गई है,नोजवान उलेमा अपनी जिम्मेदारियों को महसूस करते हुए दुनिया का नेतृत्व करने के लिये खुद को तैयार करें।

सांसद असरारुल हक़ क़ासमी एक प्रसिद्ध इस्लामिक विद्धवान हैं,दारुल उलूम देवबंद की कार्यसमिति के सदस्य हैं,तथा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य हैं,मौलाना क़ासमी ने कहा कि मुस्लिम दुश्मन ताक़ते चाहती हैं कि मुसलमानों का सम्बंध उलेमा से तोड़ दें लेकिन मुसलमान अपने उलेमा और मदारसी पर विश्वास करते हैं,यही कारण है कि दारुल उलूम सहित अन्य तमाम मदरसों से हज़ारों उलेमा तैयार होरहे हैं।

मौलाना छात्रों को नसीहत करते हुए कहा कि मौजूदा दौर में इस दौर में मुसलमानों को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है उनका जवाब देने के लिये दिनी उलूम के साथ साथ नई टेक्नोलॉजी और वर्तमान के तमाम मुद्दों के बारे में सही जानकारी होना बहुत ज़रूरी है।कट्टरवादी संस्थाएं कम पढ़े लिखे मुसलमानों को गुमराह करने के लिये और उनको इस्लाम से दूर करने के लिये नये नये हथकंडे इस्तेमाल कर रहे हैं,और बहला फुसलाकर इस्लाम से दूर करना चाहते हैं।

मौलाना असरारुल हक़ क़ासमी ने कहा स्कूल कॉलेज में मुसलमान बच्चियों को बहला फुसलाकर उन्हें गुमराह करने की गहरी साजिश चल रही है,इस मौके पर हमारी जिम्मेदारी है कि मुसलमानों का सही मार्गदर्शन करें,जो लोग धर्म से अनभिज्ञ हैं उन्हें दीन के बारे में सही जानकारी दें,और उन्हें इस्लामी तालीमात के साथ साथ इस बात को बताने की हद से ज़्यादा ज़रूरत है कि इस्लाम ने औलाद की तरबियत को कितना जरूरी माना है।

मदरसे के मोहतमीम मौलाना मुज़म्मिल आसामी ने अपनी बीमारी के बावजूद सांसद असरारुल हक़ क़ासमी का स्वागत किया,तथा मौलाना शमीम रब्बानी ने भी मौलाना का स्वागत किया,मुफ़्ती सलमान, मुफ़्ती आसिफ,हाफिज आदिल के अलावा हज़ारों की संख्या में छात्रों ने भाग लिया ।