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साहब, यह महिला आपके नाम और पते की चिट्ठी लेकर न जाने कब से भटक रही हैं

Sanjay Gupta
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बुरा लगे तो मेरी बहन माफ करना
ये पोस्ट बहुत जरूरी थी अपलोड करनी
#लड़कियों_को_आदर_सहित_समर्पित

लड़के ने नम्बर मांगा आप ने दे दिया…
लड़के ने तस्वीर मांगी आप ने दे दी…
लड़के ने वीडियो कॉल के लिए कहा आप ने कर ली…
लड़के ने दुपट्टा हटाने को कहा आप ने हटा दिया…
लड़के ने कुछ देखने की ख्वाहिश की आप ने पूरी कर दी…
लड़के ने मिलने को कहा आप माँ बाप को धोखा देकर आशिक़ से मिलने पहुंच गयीं…
लड़के ने बाग में बैठ कर आप की तारीफ़ करते हुए आपको सरसब्ज़ बाग दिखाए आपने देख लिये…
फिर जूस कार्नर पर जूस पीते वक़्त लड़के ने हाथ लगाया, इशारे किये, मगर कोई बात नहीं अब नया ज़माना है यह सब तो चलता ही है…
फिर लड़के ने होटल में कमरा लेने की बात की, आप ने शर्माते हुए इंकार कर दिया, कि शादी से पहले यह सब अच्छा तो नहीं लगता न…
फिर दो तीन बार कहने पर आप तैयार हो गयीं होटल के कमरे में जाने के लिए…
आप दोनों ने मिल कर खूब एंजॉय किया…
अंडरस्टेंडिंग के नाम पर दुल्हा दुल्हन बन गए protection use ki  बस बच्चा पैदा न हो इस पर ध्यान दिया…
फिर एक दिन झगड़ा हुआ और सब खत्म क्योंकि हराम रिश्तों का अंजाम कुछ ऐसा ही होता है…
लेकिन लेकिन…
यहां सरासर मर्द गलत नहीं है, वह भेड़िया है, वह मुजरिम है, वह सबकुछ है…
क्योंकि आप ने तो तस्वीर नहीं दी थी वह जबर्दस्ती आपके मोबाइल में घुस कर ले गया था…
आप ने तो अपना नम्बर नहीं दिया वह लड़का खुद आप के मोबाइल से नम्बर ले गया था…
आप ने तो वीडियो कॉल नहीं की वह लड़का खुद आप के घर पहुंच गया था आपको लाइव देखने…
जूस कार्नर पर भी जबरदस्ती ले गया था गन प्वाइंट पर…
होटल के कमरे तक भी वह आपको जबर्दस्ती आपके घर से ले गया था…
तो मुजरिम तो सिर्फ लड़का है आप तो बिल्कुल भी नहीं…
बच्ची हैं आप कोई चार साल की?
आपको समझ नहीं आती?
यह कचरे में पड़ी लाशें देख कर भी आपको अक़्ल नहीं आती?
यह बिना सर के मिलने वाले धड़ आपकी अक़्ल पर कोई चोट नहीं देते?
यह सोशल मीडिया पर आए दिन ज़्यादती के बढ़ती हुई घटना आपको कुछ नहीं बताती?
जूस कार्नर पर जाना,
आपको नहीं पता था कि एक होटल के ईकमरे में या चारदीवारी में जिस्मों की प्यास बुझाई जाती है,
सब पता था आपको, सब पता है आपको…
होटल के कमरे में मुहब्बत के अफसाने नहीं लिखे जाते,वहां कोई इबादत नही होती है
फिर शिकायत होती है के चार लड़कों ने ग्रुप रेप कर दिया…
क्या लगता है वह आपका जो आपकी इज्ज़त का ख्याल रखे जो खुद आपको इसी मकसद के लिए लेकर जा रहा है?
अपनी सीमा में रहेंगी तो आपको कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता…
जिस्म के भूखो से दूर ही रहे लड़का हो या लड़की प्यार जैसे पवित्र रिश्ते को बदनाम ना करे प्यार दिल देखकर करे ना कि जिस्म देखकर l❣ जब तक तुम साथ नही दोगी तब तक किसी लड़के की कोई औकात नही हैं कि वो तुम्हे किसी होटल के रूम तक ले जा सके।।।। गलत लगे तो मुझे माफ कीजिएगा!!!🙏
सत्य ✍️

AAkash Jain
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रमाशंकर की कार जैसे ही सोसायटी के गेट में घुसी, गार्ड ने उन्हें रोक कर कहा..
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“साहब, यह महिला आपके नाम और पते की चिट्ठी लेकर न जाने कब से भटक रही हैं।”
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रमाशंकर ने चिट्ठी लेकर देखा, नाम और पता तो उन्हीं का था, पर जब उन्होंने चिट्ठी लाने वाली की ओर देखा तो उसे पहचान नहीं पाए।
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चिट्ठी एक बहुत ही गरीब कमजोर महिला ले कर आई थी। उनके साथ बीमार सा एक लड़का भी था।
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उन्हें देख कर रमाशंकर को तरस आ गया। शायद बहुत देर से वे घर तलाश रही थी।
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उन्हें अपने घर लाकर कहा, “पहले तो आप बैठ जाइए।” इसके बाद नौकर को आवाज़ लगाई, “रामू इन्हें पानी ला कर दो।”
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पानी पी कर महिला ने थोड़ी राहत महसूस की तो रमाशंकर ने पूछा, “अब बताइए किससे मिलना है?”
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“तुम्हारे बाबा देवकुमार जी ने भेजा है। बहुत दयालु हैं वह। मेरे इस बच्चे की हालत बहुत ख़राब है।
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गाँव में इलाज नहीं हो पा रहा था। किसी सरकारी अस्पताल में इसे भर्ती करवा दो बेटा, जान बच जाए इसकी।
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इकलौता बच्चा है,” इतना कहते कहते महिला का गला रुँध गया।आंखे नम हो गई,
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रमाशंकर ने उन्हें गेस्टरूम में ठहराया। पत्नी से कह कर खाने का इंतज़ाम कराया।
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अगले दिन फ़ैमिली डॉक्टर को बुलाकर सारी जाँच करवा कर इलाज शुरू करवा दिया।
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महिला कहती रही कि किसी सरकारी अस्पताल में इलाज करवा दो, पर रमाशंकर ने उनकी एक नहीं सुनी। बच्चे का पूरा इलाज अच्छी तरह करवा दिया।
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बच्चे के ठीक होने पर महिला गाँव जाने लगी तो रमाशंकर को तमाम दुआएँ दीं।खूब आभार व्यक्त किया छोटे बच्चे ने भी रमा शंकर जी के पैर छुए
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रमाशंकर ने दिलासा देते हुए कुछ पैसे दिए और एक चिट्ठी दे कर कहा, “इसे पिताजी को दे दीजिएगा।”
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गाँव पहुँच कर देवकुमारजी को वह चिट्ठी दे कर महिला बहुत तारीफ़ करने लगी
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“आप का बेटा तो देवता है। कितना ध्यान रखा हमारा! अपने घर में रख कर इलाज करवाया।”
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देवकुमार चिट्ठी पढ़ कर दंग रह गए…
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उसमें लिखा था, “अब आप का बेटा इस पते पर नहीं रहता … कुछ समय पहले ही मैं यहाँ रहने आया हूँ। पर मुझे भी आप अपना ही बेटा समझें। इनसे कुछ मत कहिएगा।
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आपकी वजह से मुझे इन अतिथि माता से जितना आशीर्वाद और दुआएँ मिली हैं, उस उपकार के लिए मैं आपका सदैव आभारी रहूँगा। .. आपका रमाशंकर।”
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देवकुमार जी के हाथ अनायास ही उस अनजान देवता के सम्मान में जुड़ गए,

प्रियांशु सन्नी
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#नाम_का_पंगा 🤣😂😂😂😁😁😁
जैसलमेर से बीकानेर बस रुट पर….
बीच में एक बड़ा सा गाँव है जिसका नाम है नाचने
वहाँ से बस आती है तो लोग कहते है कि
#नाचने वाली बस आ गयी..😎
कंडक्टर भी बस रुकते ही चिल्लाता..
#नाचने वाली सवारियाँ उतर जाएं बस आगे जाएगी..😎
इमरजेंसी में रॉ का एक नौजवान अधिकारी जैसलमेर आया
रात बहुत हो चुकी थी,
वह सीधा थाने पहुँचा और ड्यूटी पर तैनात सिपाही से पूछा –
#थानेदार साहब कहाँ हैं ?
सिपाही ने जवाब दिया थानेदार साहब #नाचने गये हैं..😎
अफसर का माथा ठनका उसने पूछा डिप्टी साहब कहाँ हैं..?
सिपाही ने विनम्रता से जवाब दिया-
हुकुम 🙏🏻 #डिप्टीसाहब भी नाचने गये हैं..😎
अफसर को लगा सिपाही अफीम की पिन्नक में है, उसने एसपी के निवास पर फोन📞 किया।
एस.पी. साहब हैं ?
जवाब मिला #नाचने गये हैं..!!
लेकिन #नाचने कहाँ गए हैं, ये तो बताइए ?
बताया न #नाचने गए हैं, सुबह तक आ जायेंगे।
कलेक्टर के घर फोन लगाया वहाँ भी यही जवाब मिला, साहब तो #नाचने गये हैं..
अफसर का दिमाग खराब हो गया, ये हो क्या रहा है इस सीमावर्ती जिले में और वो भी इमरजेंसी में।
पास खड़ा मुंशी ध्यान से सुन रहा था तो वो बोला – हुकुम बात ऐसी है कि दिल्ली से आज कोई मिनिस्टर साहब #नाचने आये हैं।
इसलिये सब अफसर लोग भी #नाचने गये हैं..!!