सिगरेट छोड़ना आपकी सेहत के लिए अच्छा है. बात तो सीधी सी है लेकिन छोड़ेंगे कैसे? उसकी जगह वेपिंग लेंगे या काउंसलिंग? या दवा करेंगे? यहां पेश हैं कुछ बेहतरीन तरीके.
धूम्रपान छोड़ने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति से पूछिए तो पता चलेगा कितना मुश्किल होता है यह. किसी दोस्त के साथ बीयर के घूंट भरते हुए सिगरेट के कश बांटने या जैसा कि ऑस्ट्रेलिया में कहते हैं, एक फटाफट “स्मोको” यानी एक तुरतफुरत कश खींचने के लिए काम के बीच से उठ जाने की तलब हमेशा बनी रहती है.
रिसर्च बताते हैं कि 60-75 फीसदी लोग सिगरेट छोड़ने की कोशिश के दौरान पहले छह महीने में दोबारा धूम्रपान करने लगते हैं. नशे की दूसरी लत की तरह, सिगरेट छोड़ना एक मुश्किल मनोवैज्ञानिक लड़ाई मानी जाती है. सामाजिक गतिविधियों, अवसाद या रोजमर्रा की साधारण आदतों से आपको उसकी तलब हो सकती है. लेकिन लंबे समय तक सिगरेट से दूरी के फायदे अपार हैं.
धूम्रपान छोड़ने के बाद, कुछ ही सप्ताह या महीने में स्ट्रोक का खतरा, दिल की बीमारी, कैंसर और कुल मिला कर सेहत में बुनियादी सुधार आने लगता है. दुनिया में मौतों की सबसे बड़ी वजहों में से एक धूम्रपान को माना जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2019 के एक डाटा के मुताबिक दुनिया में करीब 14 फीसदी लोग धूम्रपान से जुड़ी बीमारियों की वजह से दम तोड़ देते हैं. इनमें से अधिकांश मौतों की जिम्मेदार, निचली और मध्यम आय वाले देशों में स्मोकिंग की बढ़ती दरें हैं. अभी हाल के अध्ययन दिखाते हैं कि ये रुझान जारी है.
ब्रिटेन के सार्वजनिक स्वास्थ्य के सहायता संगठन, एक्शन ऑन स्मोकिंग एंड हेल्थ (एएसएच) की उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी हेजल चीजमैन कहती हैं, “धूम्रपान एक बहुत बड़ा वैश्विक स्वास्थ्य बोझ है. अगर धूम्रपान की दर में कमी नहीं आई तो इस सदी में उससे संबंधित रोगों की वजह से दुनिया भर में एक अरब मौतें होंगी.