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सिर मुंडाते ही ओले पड़े! नेतनयाहू के फिर से प्रधानमंत्री बनने से पहले ही….!!!

इस्राईल में अभी हाल ही में कनेसेट का चुनाव समाप्त हुआ है, इस चुनाव में लिकुड पार्टी ने जीत हासिल की है और नेतनयाहू का एक बार फिर अवैध ज़ायोनी शासन का प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है। लेकिन अभी उन्होंने शपथ भी नहीं ली है कि इस्राईल के मौजूदा वित्त मंत्री ने नेतनयाहू को लेकर एक ऐसी बात कर दी है कि जिससे हंगामा मच गया है।

इस बात को तो दुनिया जानती है कि फ़िलिस्तीन की ज़मीन पर साम्राज्यवादी शक्तियों की मदद से अवैध तरीक़े से क़ब्ज़ा करके एक अवैध शासन की स्थापना की गई है, जिसका नाम इस्राईल है। वैसे तो इस अवैध शासन और इसका समर्थन करने वाले वर्चस्वादी शासनों का यह दावा है कि इस्राईल एक मज़बूत शासन है लेकिन जैसे-जैसे दिन गुज़र रहे हैं वैसे-वैसे इस कथित मज़बूत अवैध शासन की पोल खुलती जा रही है। इस्राईल जैसे अवैध शासन की नक़ली मज़बूती का अंदाज़ा केवल इसी से लगाया जा सकता है कि इस शासन में चार साल के भीतर ही पांच बार चुनाव हुए और फिर भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया था। दूसरी ओर फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधक बलों से डरे और सहमे रहने वाले अवैध ज़ायोनी शासन की पोल अब स्वयं इस शासन के नेता ही खोलने लगे हैं। वहीं इस बार कनेसेट के चुनाव में जीतने वाली लिकुड पार्टी के नेता नेतनयाहू फिर से अवैध ज़ायोनी शासन का प्रधानमंत्री बनने का दावा कर रहे हैं, लेकिन माना जा रहा है कि उनका पीछा उनके द्वारा किया गया भ्रष्टाचार और अत्याचार नहीं छोड़ रहा है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार अब अवैध ज़ायोनी शासन से हर दिन बढ़ते मतभेद और आपसी टकराव की ख़बरें आना आम बात बनती जा रही है। साथ ही इस अवैध शासन में रहने वाले अवैध कॉलोनी वासियों के बीच भी अंतरकलह दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। इस बीच अवैध ज़ायोनी शासन के वर्तमान वित्त मंत्री ने निकट भविष्य में नेतन्याहू की योजनाओं और साज़िशों के ख़िलाफ़ चेतावनी देते हुए अभी से ही मोर्चा खोल दिया है। इस्राईल के वित्त मंत्री एविग्डोर लिबरमैन ने रविवार को “नेतन्याहू की नई सरकार के फ़ैसले” शीर्षक वाले एक ट्वीट के ज़रिए कहा है कि नेतन्याहू सहयोगी अधिकारी, जिनमें अति-दक्षिणपंथी धार्मिक ज़ायोनी समूह के नेता बिन गुवीर और धार्मिक ज़ायोनीवादी पार्टी के नेता स्मोट्रिच शामिल हैं, ज़रूर धोखा देंगे। लिबरमैन ने कहा कि मुझे इस बात में भी कोई शक नहीं है कि सत्ता में आते ही नेतनयाहू वह ज़ायोनी शासन के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को नियंत्रित करना चाहते हैं क्योंकि यह उनके हित के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है। लिबरमैन ने कहा कि उन्होंने हाल के दिनों में लिकुड पार्टी के कई वरिष्ठ अधिकारियों और नेतन्याहू के सहयोगियों के साथ बात की है और इस बात पर ज़ोर दिया है कि नेतन्याहू भविष्य की जो उभरती हुई तस्वीर तैयार कर रहे हैं, उसमें केवल चिंता करने से कुछ नहीं होगा बल्कि उसपर कार्यवाही की आवश्यकता है