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शादी के बाद विदाई का समय था, नेहा अपनी माँ से मिलने के बाद…
लक्ष्मी कान्त पाण्डेय ================ शादी के बाद विदाई का समय था, नेहा अपनी माँ से मिलने के बाद अपने पिता से लिपट कर रो रही थीं। वहाँ मौजूद सब लोगों की आंखें नम थीं। नेहा ने घूँघट निकाला हुआ था, वह अपनी छोटी बहनों एवं सहेलियों के साथ सजाई गयी गाड़ी के नज़दीक आ गयी […]
जहां नभ से भू का नाता है, जहां धरा हमारी माता है, उस देश को भारत कहते हैं : लक्ष्मी सिन्हा की रचना
Laxmi Sinha ==================== · जिस देश का कण-कण सोना हो, जिस देश की नारी देवी हो जिस देश में गंगा बहती हैं, उस देश को भारत कहते हैं जहां भाई _भाई में प्रेम हो, भाई चारे का नेम हो जहां जात_ पांत का भेद न हो, उस देश को भारत कहते हैं जहां नभ से […]
गाँधी जग से गये कि सब दसकन्धर जाग गये…..By-धीरज चित्रांश
धीरज श्रीवास्तव चित्रांश =============== गांधी जी की पुण्य तिथि पर एक पुराना गीत विशेष … गाँधी जग से गये कि सब दसकन्धर जाग गये। खद्दर पहन के बापू के सब बन्दर भाग गये। जब से आज़ादी आईं, ज्यादा बर्बादी लाई। चौड़ी कर डाली तुमने, धनिकों श्रमिकों की खाई। रूहें हुई इतनी काली, गंगा मैली कर […]