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सुप्रीम कोर्ट ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की याचिका खारिज की

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की याचिका को खारिज कर दिया है.

इस याचिका में गृह मंत्रालय की उस अधिसूचना को चुनौती दी गयी थी, जिसमें पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया था.

जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि पीआईएफ को प्रतिबंध के आदेश के ख़िलाफ़ सीधा सुप्रीम कोर्ट आने की बजाय पहले हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए.

पीएफआई की ओर से पेश वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि संगठन हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगा.

सितंबर, 2022 में अधिसूचना जारी करते हुए केंद्र सरकार ने कहा था – पीएफ़आई और इसके सहयोगी संगठन या संबद्ध संस्थाएँ या अग्रणी संगठन एक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक संगठन के रूप में काम करते हैं, लेकिन ये गुप्त एजेंडा के तहत समाज के एक वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमज़ोर करने की दिशा में काम करते हैं.

साथ ही ये भी कहा गया था कि “पीएफआई कई आपराधिक और आतंकवादी मामलों में शामिल रहा है और ये देश के संवैधानिक प्राधिकार का अनादर करता है. साथ ही ये बाहर से फंडिंग लेकर देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा ख़तरा बन गया है.”

सुचित्र मोहंती, बीबीसी हिंदी के लिए