‘सेक्सटॉर्शन,’ ब्लैकमेलिंग और वसूली का एक कमोबेश नया तरीका है. पीड़ित अक्सर हिचक या शर्मिंदगी के भाव से पुलिस में शिकायत नहीं करते हैं. अनुमान है कि अभी साइबर क्राइम के लगभग 60 फीसद मामले सेक्सटॉर्शन से जुड़े हैं.
“फेसबुक पर एक फ्रेंड रिक्वेस्ट आया. प्रोफाइल पिक्चर इतनी खूबसूरत थी कि मैंने एक्सेप्ट कर लिया. थोड़ी देर बाद उसने मैसेंजर पर वॉट्सऐप नंबर मांगा. मैंने दे दिया. फिर वीडियो कॉल आ गया. जब मैंने स्क्रीन पर बिना कपड़े पहने एक लड़की की तस्वीर देखी, तो डर गया. मैंने फोन काट दिया.”
यह बिहार के मुजफ्फरपुर के एक शख्स की आपबीती है. आगे क्या हुआ, वह बताते हैं, “फिर दूसरे नंबर से कॉल आया और एक शख्स ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया. उसने कहा कि एक लड़की ने अश्लील तस्वीर और वीडियो भेजकर तंग करने की शिकायत की है. मैंने इनकार किया, तो उसने लोकल थाने को मामला सौंपने की धमकी दी. जब मैंने अपनी सफाई दी, तो उसने मामला रफा-दफा करने के लिए 10,000 रुपये मांगे. मैंने उसे पैसा ट्रांसफर कर दिया. थोड़ी देर बाद ही मेरे अकाउंट से कई बार में पैसे निकाले जाने का मैसेज आ गया. जब तक कुछ सोच पाता, डेढ़ लाख रुपये निकाले जा चुके थे.”
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— aachal (@CtLama4) July 23, 2020