मेरठ: मेरठ में 21 जून को लिसाड़ी गांव में हुए सांप्रदायिक बवाल के मामले में मुस्लिम परिवार आगे आ गए हैं। बुधवार देर रात करीब सैकड़ों परिवारों ने पलायन का एलान करते हुए अपने मकानों पर ‘यह मकान बिकाऊ है’ के बैनर लगा दिए हैं।
उन्होंने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया है। प्रशासन पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए गांव से पलायन करने का ऐलान कर दिया है. लोगों ने बाकायदा अपने घरों के बाहर पलायन और मकान बिकाऊ के पोस्टर लगा दिए है. पलायन की बात से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
दरअसल मेरठ में गांव लिसाड़ी में दो सम्प्रदाय के लोगों के बीच 21 जून को बाइक की टक्कर को लेकर विवाद हुआ था. लोगों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में एक पक्ष के दो लोगों पर कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया और दूसरे पक्ष को थाने से ही छोड़ दिया.
पुलिस की इस एकतरफ़ा कार्रवाई से परेशान दूसरे पक्ष के लोगों ने अपने घरों के बाहर “ये मकान बिकाऊ है, यहां छोटी-छोटी बातों पर साम्प्रदायिक विवाद बनते हैं”, के पोस्टर चस्पा कर दिए और गांव के करीब 100 से अधिक घरों ने यहां से पलायन करने का फैसला कर लिया है. पुलिस प्रशासन से मांग की है या तो वो उनके यह मकान खरीद ले या दूसरे सम्प्रदाय के लोग उनके मकान खरीद लें ताकि यह लोग कहीं और जाकर शांति से रह सकें।
हाजी नूर सैफी, हाजी गुल मोहम्मद, रईसूद्दीन, हनीफ, शईदूद्दीन, अलाउद्दीन, जान मोहम्मद व नौशाद आदि ने कहा कि गांव में जरा-जरा से विवाद को लेकर सांप्रदायिक रंग दिया जाता है। पुलिस भी एकतरफा कार्रवाई कर रही है। उनकी तहरीर भी नहीं ली गई है। अब वह गांव में नहीं रहेंगे।
मकान बेचकर यहां से चले जाएंगे। पुलिस-प्रशासन को मामले की भनक लगी तो हड़कंप मच गया। इस संबंध में एसपी सिटी रणविजय सिंह का कहना है कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी होगा कार्रवाई होगी। पलायन किसी को नहीं करने दिया जाएगा। दोनों पक्षों को न्याय दिलाया जाएगा।