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स्वाति मालीवाल ने अपने साथ हुए यौन शोषण को लेकर सनसनीख़ेज़ खुलासा किया, कहा-मेरे पिता बचपन में मेरा यौन शोषण करते थे!

दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने अपने साथ हुए यौन शोषण को लेकर एक सनसनीखेज खुलासा किया है। स्वाति ने कहा है कि मेरे पिता बचपन में मेरा यौन शोषण करते थे। वह गुस्से में मेरी चोटी को पकड़कर दीवार से टकरा देते थे, इस कारण मैं डर कर पलंग के नीचे छिप जाती थी, कई रातें मैंने ऐसे ही बिताई हैं। जब तक मैं अपने पिता के साथ रही, तब तक ये कई बार हुआ। स्वाति ने शनिवार को एक कार्यक्रम में अपनी यह दर्द भरी आपबीती सुनाई।

दिल्ली महिला आयोग की ओर से शनिवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए स्वाति ने कहा कि मैं चौथी कक्षा तक अपने पिता के साथ रही। जब मेरे पिता जैसे ही घर आते थे मैं डर जाती थी। वह गुस्से में बिना वजह मुझे पीटते थे। डर के कारण मैंने कई रातें तो बिस्तर के नीचे छिपकर बिताई हैं। मैं डरकर सहमती और कांपती रहती थी। तड़प में उस समय मैं केवल यह सोचती थी कि ऐसा क्या किया जाए कि ऐसा शोषण करने वाले और घरेलू हिंसा करने वाले मेरे पिता जैसे आदमियों को सबक सिखा सकूं।

दिल्ली

➡️दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष का बड़ा दावा

➡️अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का सनसनीखेज दावा

➡️अपने पिता पर शोषण का आरोप लगाया है-स्वाति

➡️जब मैं बच्ची थी तब पिता मेरा शोषण करते थे-स्वाति

➡️’वह मुझे पीटते थे, मैं बिस्तर के नीचे छिप जाती थी’

➡️वो घर आते थे तो बहुत डर लगता था-स्वाति मालीवाल

➡️’महिलाओं का शोषण करने वालों को सबक सिखाऊंगी’.

अपने बचपन के संघर्ष को बताते स्वाति ने अपनी बहन, मां और उनके साथ होने वाली मार पिटाई और डर के वातावरण वाली अपनी जिंदगी का कहानी बताई। उन्हें यह पता नहीं चलता था कि कब उनके पिता उनकी पिटाई कर दें। स्वाति ने कहा कि उनका बचपन शराबी पिता के घरेलू हिंसा की पीड़ा को झेलते हुए ही बीता है। वह कहती हैं कि मेरी जिंदगी में मेरी मां, मेरी मौसी, मौसाजी और मेरे नानी-नानाजी न होते तो शायद मैं उस पीड़ा से बाहर नहीं निकल पाती और शायद यहां ना होती जहां मैं आज खड़ी हूं।

स्वाति ने कहा कि मेरा मानना है कि जब अत्याचार होता है तब बहुत बड़ा बदलाव भी आता है। उस अत्याचार को सहते हुए आपके भीतर एक आग जलती है जिसे आप सही जगह लगा दें तो आप जीवन में बड़े-बड़े काम कर सकते हैं। आज जितने लोगों को पुरस्कृत किया है उनकी एक कहानी है। इस कार्यक्रम में ऐसी सशक्त महिलाएं भी हैं जिन्होंने अपनी समस्याओं का डटकर सामना किया है