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प्रतीक और परम्पराओं के सहारे…By-Tajinder Singh
Tajinder Singh ============== प्रतीक और परम्पराओं के सहारे… मेरा घर जिस जगह है वो प्राइवेट इलाका है। मेरे घर से एक किलोमीटर की दूरी से टाटा कंपनी का इलाका शुरू हो जाता है। यहां है चौड़े चौड़े रोड, चारो तरफ लगे वृक्ष। वृक्षों का एक जंगल है यहां। आप हर चौथे घर मे आम का […]
झूठ, बेईमानी, मक्कारी, असमानता ही अधर्म है इस बात को भी सिर्फ़ सच्चे इंसान ही समझ सकते हैं : सरदार मेघराज सिंह के विचार पढ़िये
Meghraj Singh ============== (कुछ ख़ास बातें ) प्यारे साथियों एक कहावत बहुत मसूर है जैसे कि सभी धर्मों में अच्छे इंसान और बुरे इंसान होते हैं । सभी धर्मों में अच्छे और बुरे इंसान होते हैं इस बात को तक़रीबन विश्व के 90 पर्सेंट लोग सच मानते हैं और इस बात पर यक़ीन भी करते […]
तुम्हारे सिवा कुछ दिखा ही नहीं है, हुआ क्या हमें ये पता ही नहीं है…. **अंशू पांडेय** की तीन ग़ज़लें आपकी नज़र!
अंशू पांडेय · ========= फिल से प्राप्त ग़ज़ल और आपकी नज्र मतला – तुम्हारे सिवा कुछ दिखा ही नहीं है हुआ क्या हमें ये पता ही नहीं है हमारी खता क्या ज़रा तुम बताओ मिली जो सजा वो वज़ह ही नहीं है बहुत लेके आते हैं नेता तो वादे बहुत सुन चुके कुछ नया ही […]