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हमारी अपराध न्याय प्रणाली स्वयं एक सजा हो सकती है : न्यायालय

नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पंजाब में आत्महत्या के लिए उकसाने के 2008 में दर्ज एक कथित मामले में तीन आरोपियों को आरोपमुक्त करते हुए कहा, ‘‘हमारी अपराध न्याय प्रणाली स्वयं एक सजा हो सकती है।’’.

शीर्ष अदालत ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अप्रैल 2009 के फैसले से उत्पन्न अपील पर सुनवायी 13 साल तक लंबित रही। उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने तीनों के खिलाफ आरोप तय किये थे।

Krishan Gopal Rajpoot
@KRISHANG2014
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Oct 22
बढ़ते हुए अपराध, अपराधियों को सजा न होना और अपराधियों को जनता द्वारा सजा देना, ये सभी घटनाएं हमारी लचर न्याय प्रणाली और भ्रष्ट न्यायधीशों के कारण है, और समाज/देश के पतन की जिम्मेदार है।
पुलिस, न्यायधीश और न्याय व्यवस्था में शीघ्र सुधार जरूरी है, वरना जंगल राज कायम हो जाएगा।