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हमारे सब्र की भी एक सीमा है : ईरान

इस्लामी गणराज्य ईरान की आर्मी के सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ के प्रमुख ने ईरान में होने वाले हालिया दंगों में सऊदी अरब द्वारा किए गए हस्तक्षेप की ओर इशारा करते हुए रियाज़ को चेतावनी देते हुए कहा है कि सऊदी शासन को पता होना चाहिए कि ईरान आत्म-संयम बरत रहा है, लेकिन इस आत्म-संयम की एक सीमा है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ईरान की इस्लामिक क्रांति के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाहिल उज़मा ख़ामनेई ने देश के मेधावी छात्रों के साथ हालिया मुलाक़ात में दंगों के बारे में बात करते हुए कहा था कि, दंगों और अशांति की योजना अमेरिका और अवैध ज़ायोनी शासन द्वारा तैयार की गई थी। सुप्रीम लीडर ने अशांति फैलाने के लिए शत्रुतापूर्ण मीडिया की सामूहिक गतिविधियों की ओर भी इशारा किया था। इस बीच ईरान आर्मी के सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज़ के प्रमुख ब्रिगेडियर जनरल अहमद रज़ा पूरदस्तान ने फ़ार्स समाचार एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा: देश में होने वाले हालिया दंगे, दुशमन मीडिया और राजनयिक स्थान के व्यापक समर्थन से बनाई गई योजना थी, जो देश के आतंरिक मामलों में हस्तक्षेप के अलावा बहुपक्षीय और व्यापक युद्ध की ओर इशारा करता है। उन्होंने कहा कि दंगों को भड़काने के लिए प्रत्येक स्तर पर योजनाएं बनाई गईं थी।

ब्रिगेडियर जनरल अहमद रज़ा पूरदस्तान ने कहा कि इस्लामी व्यवस्था के असल शक्ति देश की जागरूक जनता है जिसे विलायत पर विश्वास और सब्र पर यक़ीन है। सेना के सामरिक अध्ययन केंद्र के प्रमुख ने भी कहा: “इस दूरदर्शी राष्ट्र ने दंगे शुरू होने के तुरंत बाद ही दुश्मन के गंदे और छिपे हुए इरादों को भांप लिया और इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता के आदेशों का पालन करते देश की सुरक्षा के रक्षकों को अकेला नहीं छोड़ा। साथ ही हमेशा की तरह, अपने धार्मिक और क्रांतिकारी मिशन पर काम करते रहे। पूरदस्तान ने बताया कि इन दंगों में, दुश्मन मीडिया ने दंगाइयों के कमांड और कंट्रोल सेंटर की भूमिका निभाई और ख़ुफ़िया और सुरक्षा सेवाओं के मार्गदर्शन में उपद्रवों और दंगों के दृश्यों को संगठित रूप से संचालित किया।