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हमास का पलट वार, इस्राईल के सबसे दूर शहर पर किया मीज़ाइल हमला : लेबनान के ”इस” मिसाइल ने बढ़ा दी इस्राईल की चिंता : रिपोर्ट

इस्राईली सेना में एक विषय गंभीर चर्चा का केन्द्र बन गया है। दक्षिणी लेबनान से फ़ायर किए जाने वाले मिसाइल ने ज़ायोनी सामरिक गलियारों को बुरी तरह चौंका दिया है, चौंकने की वजह यह है कि ज़ायोनी विशेषज्ञों ने इस मिसाइल के बारे में कहा है कि यह ज़मीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल था जो दक्षिणी लेबनान से फ़ायर किया गया। ज़ायोनी सेना का कहना है कि यह पहला अवसर पर है कि हिज़्बुल्लाह ने इस प्रकार का मिसाइल प्रयोग किया है।

7 अक्तूबर को फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ की तरफ़ से अलअक़सा तूफ़ान नाम का बड़ा सैनिक आप्रेशन किया गया जिसके बाद से जंग के हालात हैं और लेबनान की सीमा पर हिज़्बुल्लाह और फ़िलिस्तीनी संगठनों के जवानों की ज़ायोनी सेना से झड़पें हो रही हैं।

मीडिया का कहना है कि दक्षिणी लेबनान से फ़ायर किए जाने वाले इस मिसाइल की आवाज़ सीरिया के गोलान हाइट्स के उस इलाक़े तक सुनाई दी जो इस्राईल के ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़े में है।

इस्राईली सेना ने मिसाइल के बारे में कहा है कि यह ज़मीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल है लेकिन हिज़्बुल्लाह और लेबनानी अधिकारियों की तरफ़ से इस बारे में कोई बयान नहीं आया है।

इस्राईली सेना और ज़ायोनी राजनैतिक नेतृत्व के लिए यह गंभीर चिंता की बात होगी कि हिज़्बुल्लाह के पास ज़मीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल पहुंचें। क्योंकि इस स्थिति में ज़ायोनी शासन की वायु सेना नाकारा होकर रह जाएगी और उसके युद्धक विमान आज़ादी से लेबनान की वायु सीमा का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे।

बुधवार को एक और बड़ी घटना यह हुई कि हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह, हमास के डिप्टी चीफ़ सालेह अलआरूरी और जेहादे इस्लामी संगठन के प्रमुख ज़्याद अलनुख़ाला की मुलाक़ात की तस्वीर मीडिया में। बैठक के बारे में बताया गया कि यह ग़ज़ा में जारी लड़ाई में रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ की विजय को सुनिश्चित करने के तरीक़ों पर विचार के लिए आयोजित हुई थी।

बैठक से एक संदेश तो यह निकला कि इस लड़ाई में रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ के बीच पूर्ण समन्वय पाया जाता है और ज़ायोनी सेना का मुक़ाबला करने के लिए यह सारे धड़े तैयार हैं। दूसरी घटना मिसाइल को लेकर है। अगर यह ज़मीन से हवा में मार करने वाला मिसाइल है तो यह भी इस्राईल के लिए खुला संदेश है कि क्षेत्र के देशों की वायु सीमाओं का आज़ादी से उल्लंघन करने का ज़ायोन शासन का दौर गुज़र चुका है, अब अगर इस्राईल ने इस प्रकार की कोई हरकत की तो उसे क़ीमत चुकानी पड़ेगी।

हमास का पलट वार, इस्राईल के सबसे दूर शहर पर मीज़ाइल हमला

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड ने कहा है कि उसने अवैध अधिकृत क्षेत्र के तटीय शहर इलात पर रॉकेट से हमला किया है।

फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड ने एक बयान में कहा है कि उसने ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी शासन के जारी बर्बर हमलों के जवाब में इलात शहर पर 250 रॉकेट दागे जिसके बाद औफ़दा में स्थित सैन्य अड्डे का सायरन बजने लगा।

इस्राईली रेडियो ने घोषणा की कि तटीय शहर इलात में विस्फोट, ग़ज़्ज़ा से दागे गए रॉकेटों की वजह से था।

इसी मध्य ज़ायोनियों के ख़िलाफ़ अल-क़स्साम ब्रिगेड और लेबनान के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन के हमले जारी हैं।

ग़ज़्ज़ा की जनता के ख़िलाफ़ ज़ायोनी शासन के अपराधों के जवाब में हमास की सैन्य शाखा इज़्ज़ुद्दीन अल-क़स्साम ब्रिगेड ने हैफ़ा शहर पर आर-160 मिसाइलों से हमला किया।

इसी मध्य ज़ायोनी सेना ने गुरुवार सुबह घोषणा की कि उसने लेबनान से दाग़ी गई सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल को निष्क्रिय कर दिया है।

ज़ायोनियों का दावा है कि यह मिसाइल लेबनानी सीमा से 40 किलोमीटर दूर तबरिया झील पर एक सरकारी युद्धक विमान पर दाग़ी गई थी।

इस्राईल की सेना के एक प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि इस्राईली सेना ने लेबनान में मिसाइल भंडार को निशाना बनाया था।