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रीना तिवारी की दो रचनायें, ”उलझन” और ”आंसू” पढ़िये!
Rina Tiwari · ============= शीर्षक -उलझन भ्रमित मन में ही, अपना घर बना लेती है उलझने! मन के तम में भटके , शब्दों का वृहत आयाम ले लेती है उलझने! सोचती हूं , शायद अब उलझने अपना विराम ले लेंगी ! उलझते मेरे सवालों का, एक नियमित आधार लें लेगी ! शायद, मन में उठते […]
आज मैं निकला कल तक पहुंचने के लिए, फिर….भारद्वाज दिलीप की रचना पढ़िये
भारद्वाज दिलीप ============== Jaipur, Rajasthan ०००००००००००० आज मैं निकला कल तक पहुंचने के लिए फिर तीन लोगों से मिला एक ने सुना एक बोला एक ने देखा मैं मिल कर लौट लिया लौट कर एक पेड़ के पास रुका उसको मैंने देखा उसने मुझे देखा और खड़ा ही रहा। मैं वहां से भी चल दिया […]
⚘आज फिर जाँच, एक लघुकथा…By – रूबी गुप्ता
Satyendra Rubi Gupta ============== एक लघुकथा: ⚘आज फिर जाँच। सुबह का समय सब कुछ अपने नियत समय से चल रहा था। प्रार्थना सभा के बाद कुछ कहानी कविताओं के साथ आज के पठन पाठन कार्यक्रम की शुरुआत हुई। प्रति दिन के भाँति ही सब कुछ सामान्य था रसोईघर में दाल के छौंक से बच्चों के […]