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एक स्त्री मन होना चाहता है बुद्ध…:…कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं…!!रूबी सत्येन्द्र कुमार की दो कवितायेँ पढ़िये!! Satyendra Rubi Gupta Kushinagar =============== कौन कहता है दीवारें बोलती नहीं। मैने तो हर शाम इनकी सिसकियाँ सुनी है।⚘⚘⚘⚘⚘⚘ हृदय तक बात पहुँच जायें तो आशीर्वाद दीजिएगा ⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘⚘ गीत तन जर्जर और मन भी जर्जर फिर भी […]
भगवान तो मात्र भाव के भूखे होते हैं,,,,,, लक्ष्मी सिन्हा की रचना पढ़िये!
Laxmi Sinha =============== जब ईश्वर का वास हृदय में माना गया है तो मंदिर जैसे उपासना स्थल क्यों बनाए जाते हैं? मंदिरों की स्थापना के पीछे उद्देश्य था कि पूजा, अर्चना और यज्ञ आदि द्वारा पवित्र तन्मात्राओं यानी पंचभूतों के सूक्ष्म रूप की सृष्टि की जाए। किसी साधु हृदय व्यक्ति हो पूजा का कार्यभार सौंपा […]
प्रेमपत्र अपनी जगह पहुँच गया!
Kavita Krishnapallavi ============== · प्रेमपत्र अपनी जगह पहुँच गया! ‘आइडेंटिटी पॉलिटिक्स’ की गलियों से होते हुए भगवा कर्तव्य-पथ (यानी राजपथ) तक पहुँचे भूतपूर्व “वामपंथी” कवि और समाजशास्त्री प्रोफेसर बद्रीनारायण को इस वर्ष का साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला! यह फल तो उनके झोले में टपकना ही था! भक्ति व्यर्थ नहीं जाती! भगवान के घर देर है […]