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इस प्रकार बिना किसी आडंबर और दिखावे के उसे अंत में मोक्ष और ईश्वर प्राप्ति हो जाएगी : लक्ष्मी सिन्हा का लेख पढ़िये!
Laxmi Sinha ============== ईश्वर हमारे शरीर में ही विद्यमान हैं। हम उसे अपने कर्म और सोच द्वारा प्राप्त कर सकते हैं।:-,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,, संसार में हर मनुष्य की इच्छा है कि उसे ईश्वर की प्राप्ति हो।इस प्राप्ति का मार्ग केवल ज्ञान द्वारा जाना जा सकता है। इसके लिए मनुष्य को पहले स्वयं के बारे में जानना जरूरी […]
भगवान तो मात्र भाव के भूखे होते हैं,,,,,, लक्ष्मी सिन्हा की रचना पढ़िये!
Laxmi Sinha =============== जब ईश्वर का वास हृदय में माना गया है तो मंदिर जैसे उपासना स्थल क्यों बनाए जाते हैं? मंदिरों की स्थापना के पीछे उद्देश्य था कि पूजा, अर्चना और यज्ञ आदि द्वारा पवित्र तन्मात्राओं यानी पंचभूतों के सूक्ष्म रूप की सृष्टि की जाए। किसी साधु हृदय व्यक्ति हो पूजा का कार्यभार सौंपा […]
मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में…. शक़ील सिकंद्राबादी की दो ग़ज़लें
Shakeel Sikandrabadi =============== ग़ज़ल मेरी गुफ्तार सदाक़त का बयाँ ठहरी है मेरी हर बात यूँ ज़ालिम को गिराँ ठहरी है हाए ये कैसा रहे इश्क़ में आया है मक़ाम बात करने लगीं आँखें तो ज़बाँ ठहरी है मैं तुझे ढ़ूंडता फिरता हूँ ज़माने भर में ऐ ख़ुशी ये तो बता दे तू कहाँ ठहरी है […]