हिंसाग्रस्त मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह रविवार को अपनी कैबिनेट के चार मंत्रियों के साथ दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा भाजपा जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस दौरान सीएम बीरेन सिंह ने पार्टी आलाकमान को राज्य की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। सीएम बीरेन के साथ कैबिनेट मंत्री टीएच बिस्वजीत, गोविंददास कोंथौजम, टीएच बसंतकुमार और वाई खेमचंद के अलावा मणिपुर भाजपा अध्यक्ष ए शारदा देवी भी मौजूद रहीं। मणिपुर के नेता पीएम नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात कर सकते हैं।
मणिपुर में शनिवार देर रात ट्रोरबोंग क्षेत्र में अराजक तत्वों ने दस घरों को आग के हवाले कर दिया। इनमें से कुछ घर पूरी तरह जल गए हैं और कुछ घर आधे जिल गए हैं। हिंसा को देखते हुए बीएसएफ की पांच टुकड़ियों को तैनान कर दिया गया है। अभी भी चुराचांदपुर और विष्णुपुर जिलों के बॉर्डर क्षेत्रों में स्थिति सामान्य नहीं है।
"उन्होंने अवैध अतिक्रमण किया, अवैध अफीम की खेती भी की, ये अब हमें मार रहे हैं। कुकी उग्रवादियों से हमें बचाओ। हमें हथियार और बंदूकें प्रदान करें, हम अपनी मातृभूमि के लिए वापस लड़ेंगे, मणिपुर के लिए हम आने वाली पीढ़ियों के लिए लड़ेंगे।" एक मैतेई pic.twitter.com/tmFSczOoUO
— हम लोग We The People (@ajaychauhan41) May 11, 2023
इस बीच, मणिपुर में मृतकों की संख्या 73 हो गई है। सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने रविवार को बताया कि शनिवार देर रात करीब 12 बजे चुराचांदपुर जिले के टोरबोंग गांव में कुछ अराजत तत्वों ने करीब दस घरों को आग के हवाले कर दिया। इनमें से कई घर पूरी तरह से जल गए जबकि कुछ घर अधजले हैं। घटना की जानकारी मिलते ही बीएसएफ की दो कंपनियों को भेज गया। तब तक अराजक तत्व भाग चुके थे। इसके बाद रविवार सुबह तीन और कंपनियों को भेजा गया है। अब स्थिति सामान्य है।
उन्होंने बताया कि चुराचांदपुर और विष्णुपर जिलों की सीमा में हालात सामान्य नहीं हैं। उन्होंने बताया कि कांकपोकपी जिले में दो टिपर ट्रक जला दिए गए, जबकि तीन टिपर ट्रक और पांचों ड्राइवर सुरक्षित इंफाल लाए जा रहे हैं। सिंह ने राज्य की जनता से अपील की है कि किसी भी तरह की अफवाह में नहीं आएं और शांति बनाने में प्रशासन व सेना की ममद करें। सिंह ने बताया कि इस बीच, सीआरपीएफ के एक असिस्टेंड कमांडेंड पर आरोप लगा है कि अपने क्षतिग्रस्त घर को देखने के लिए जाने पर उन्होंनेे स्थानीय लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया। उनकी पहचान डेनियल मार्क के रूप मेंं हुई है। उन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया है। जांच जारी है।
मणिपुर के कुकी आदिवासियों को खत्म करने का आह्वान राज्य के बहुसंख्यक समुदाय की भीड़ खुलेआम कर रही है। पुलिस और सरकार मूकदर्शक बनी हुई है। शर्मनाक। #SaveManipurTribalspic.twitter.com/hCUga6KEn8
— Tribal Army (@TribalArmy) May 7, 2023
चुराचांदपुर और फेरजावली जिलों में कार्फ्यू में कोई ढील नहीं
उन्होंने बताया कि मणिपुर के तीन जिलों में कर्फ्यू में पूरी तरह से ढील दी जा रही है। पांच जिलों में सुबह पांच बजे से दोपहर 12 बजे तक, जिरिबाम जिले में 10 घंटे का और चंदेल, टेक्नोपॉल और कांकपोकपी जिलों में सात घंटे की ढील दी गई। चुराचांदपुर और फेरजावली जिलों में कार्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई है। बाकी जिलों में कोई कर्फ्यू नहीं है। अब तक कुल 385 मामले दर्ज हुए है। 456 हथियार बरामद किए जा चुके हैं। प्रदेश में करीब 178 राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां 26,358 लोग रह रहे हैं।
सेनापति जिले में उग्रवादियों ने बनाए बंकर
सूत्रों के मुताबिक सेनापति जिले के बोंगबल खुल्लेन गांव, नोंगपोक कीथेलमनबी में कुकी उग्रवादियों ने तलहटी में बंकर स्थापित कर लिए हैं। कुकी उग्रवादी तलहटी में गश्त कर रहे हैं और सीधे फायरिंग कर रहे हैं। वे भगदड़ मचा रहे हैं। लोग जिला प्रशासन से मदद मांग रहे हैं। उन्होंने उग्रवादियों का सफाया करने और एक उग्रवादी मुक्त राज्य बनाने की मांग की है।
#मेइती #आतंकवादी बंदूक और हथियार लेकर #मणिपुर में खुलेआम घूम रहे‼️‼️
बस इसीलिये #भाजपा और #योगी जी की आवश्यकता है। pic.twitter.com/nAQYtwldY1
— Dr Mansi Dwivedi (@DrMansiDwivedi3) May 5, 2023
बिना इंटरनेट के तीन सप्ताह
मणिपुर तीसरे सप्ताह में बिना इंटरनेट सेवा के प्रवेश कर गया है, क्योंकि राज्य सरकार ने 12 मई से पांच और दिनों के लिए राज्य भर में मोबाइल डेटा और ब्रॉडबैंड सेवाओं सहित इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया है। इसके कारण लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मंत्री बोले, चार महीने का है आवश्यक वस्तुओं का स्टॉक
चावल और खाद्य पदार्थों जैसी आवश्यक वस्तुओं के स्टॉक खत्म होने की संभावना पर चिंता के बीच उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण (सीएएफपीडी) मंत्री एल. सुसिंद्रो ने बताया कि राज्य में पर्याप्त स्टॉक है। उन्होंने कहा, किसी को भी किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य में एनएफएसए के तहत चार महीने के लिए चावल का पर्याप्त स्टॉक है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले चरण में 10 जिलों के लिए खुले बाजार में बिक्री (ओएमएस) शुरू करने के लिए तैयार है, इसके बाद शेष छह जिलों के लिए बिक्री की जाएगी। मंत्री बताया कि सरकार असम के खरखती से आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाले लगभग 300 ट्रकों के सुगम मार्ग को सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।
मणिपुर हिंसा पर कैथोलिक समूह ने कहा, चर्च चुप या जनविरोधी सरकार का समर्थन नहीं कर सकता
कैथोलिक सदस्यों के एक मंच ने कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) के अध्यक्ष को एक खुला पत्र लिखा है, जिसमें मणिपुर में हाल ही में जातीय हिंसा के दौरान ईसाइयों और ईसाई संस्थानों के खिलाफ हिंसा के कथित कृत्यों और उस पर चर्च की मौन प्रतिक्रिया पर टिप्पणी की है.
फोरम ऑफ रिलिजियस फॉर जस्टिस एंड पीस ने लिखा कि वे ‘मणिपुर में हालिया हिंसा से हैरान और व्यथित हैं.’
इस हिंसा में 70 से अधिक लोगों की मौत हुई है और 200 से अधिक घायल हुए हैं. विस्थापितों की संख्या 30,000 से अधिक है.
यूनियन ऑफ कैथोलिक एशियन न्यूज पर लिखे जॉन दयाल के एक लेख के हवाले से फोरम ने लिखा है कि जातीय संघर्ष को ‘ईसाई विरोधी’ संघर्ष में तब्दील होने दिया गया. दयाल ने लिखा था कि कैथोलिक समेत क्षेत्र के सभी समुदायों के ईसाई पीड़ित हुए हैं.
फोरम ने दयाल द्वारा इस हिंसा की तुलना 2008 के कंधमाल दंगों से करने पर सहमति जताई.
मणिपुर की इस लड़की की दास्ताँ सुनकर आपको भी रोना आ जायेगा , बीजेपी शासित प्रदेश का हाल बेहाल हो गया है ,#manipur pic.twitter.com/vXnGPV2SYg
— Shakir Nadeem (@ShakirNadeem70) May 6, 2023