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⚘रावण ज़ोरों का ठहाका लगाया, फिर अचानक शान्त हो कुछ सोचा और मुस्कुराया : रूबी सत्येन्द्र कुमार की कविता
रूबी सत्येन्द्र कुमार की कविता मंजरी =============== · छन्दमुक्त कविता लंकापति ⚘अबकी दशहरे पर हमने फिर इक रावण बनाया। ⚘बिल्कुल रावण के जैसे भीमकाय शरीर पर बीस भुजाओं व दस सिरों को सजाया। ⚘रेशमी चमकदार वस्त्रों व आभूषणों को भी पहनाया। ⚘अब रावण ठहरे लंकापति यही सोचकर थोडा भव्य जलवा भी बनाया। ⚘जब रावण तैयार […]
उत्तर भारत में वर्तमान मौसम के संदर्भ में ”रवीन्द्र कान्त त्यागी” के नए उपन्यास “मुआवज़ा” का एक दृश्य!
Ravindra Kant Tyagi Lives in Ghaziabad, India ============== उत्तर भारत में वर्तमान मौसम के संदर्भ में मेरे नए उपन्यास “मुआवज़ा” का एक दृश्य। ————— अप्रैल के महीने के प्रारम्भ में इतनी तेज धूंप और गर्मी की घुटन कभी नहीं हुई होगी। गर्मी की गमक के मारे सांस लेना दुर्भर हो रहा था। हालांकि औसतन लू […]
रावण लौटा! क्यों राम नहीं–?…By-सीताराम “पथिक”
Sitaram Pathik ================= ☀️रावण लौटा! क्यों राम नहीं–?💥 दुनिया में जब रावण लौटा, तो क्यों राम नहीं लौटे? कंस लौट आया जब तब, क्यों घनश्याम नहीं लौटे? कुछ न कुछ तो कमी है यारों अपनी अर्जी में, सोचो क्यों नाराज, विधाता बाम नहीं लौटे। जंगलराज मचा है कोई नहीं सुरक्षित है, सुबह से निकला है […]