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धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे!
Kavita Krishnapallavi ============== धन्य हैं हम कि इस समय के साक्षी रहे! ये इक्कीसवीं सदी के शुरुआती सौभाग्यशाली दशक थे जब विकटतम तिमिराच्छन्न दिनों के बावजूद हिन्दी भाषा के सभी अच्छे कवि इतने अच्छे थे, इतने अच्छे थे कि फ़ासिस्ट और हत्यारे तक उनकी कविताई के क़ायल थे I उनके दिल इतने अच्छे थे, इतने […]
ख़मोश रहने पा मजबूर कर दिया तू ने…..By – मुख़्तार तिलहरी सकलैनी बरेली
Mukhtar Tilhari Saqlaini Bareilly ========== दिया है ऐसा मुझे दर्स ए तज़किया तू ने ख़मोश रहने पा मजबूर कर दिया तू ने ये मर्तबा कोई ऐसे ही ले लिया तू ने सुकून अपना ज़माने को दे दिया तू ने ख़ुदा का ख़ास बना कर दिखा दिया तू ने वो की हैं ख़ास इबादात ए बेरिया […]
गाँधी तेरे देश में…..हिंसक बैठे हैं कई कई भेष में…..By – साधना कृष्ण
साधना कृष्ण Lalganj, Bihār, India =========== गाँधी !गाँधी !गाँधी तेरे देश में। हिंसक बैठे हैं कई कई भेष में।। जो पहले बेखौफ खून बहाते हैं औ घड़ियाली आँसू दिखलाते हैं। मुक्ति मिली ह़ै अंग्रेजों से केवल असल आजादी हम तलाशते हैं। पल पल बीत रहा रंज क्लेश में गाँधी तेरे देश में………………।। जिस नोटों पर […]