धर्म

हज़रत ख़दीजा र.अ से हुजूर सल्ल० का #निकाह : #SiratunNabiSeries Part -1

मोहम्मद सलीम
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#हजरत_खदीजा (र.अ) से हुजूर सल्ल० का #निकाह
#SiratunNabiSeries Post-1
हजरत खदीजा बिन्ते खुवैलद बहुत शरीफ़ खातून थीं। उन का खानदानी सिलसिला पांचवीं पीढ़ी से हुजूर सल्ल० के खानदान से मिलता है। वह बेवा थी। बहुत शरीफ़ और पाकीजा अख्लाक थीं। लोग उन को ताहिरा के नाम से याद करते थे।
दौलतमन्द इतनी थीं कि जब मक्के वालों का काफिला तिजारत के लिए रवाना होता तो अकेला उनका सामान तमाम काफिले के सामान के बराबर होता था। उस जमाने में उन से बड़ा ताजिर मक्के में कोई न था।
जब उन्होंने निकाह का पैगाम दिया तो हुजूर सल्ल. ने अपने चचा अबू तालिब से मश्विरा कर के मंजूर कर लिया, चुनांचे निकाह हो गया। निकाह का खुत्बा अबू तालिब ने पढ़ा और पांच सौ दिरहम महर करार पाया। क्यूंकि हजरत खदीजा मालदार थीं, खूबसूरत और पाकीजा और अरब के ऊंचे खानदान से थी, इसलिए अक्सर लोगों ने उन से निकाह करने का इरादा किया था, पर उन्हों ने तमाम दर्खास्तें रद्द कर दी थीं, शायद उन का निकाह करने का इरादा था ही नहीं, पर हुजूर सल्ल० की अमानत व दयानत और सच्चाई और अच्छे अखलाख की शोहरत सुन कर ऐसी निछावर हुई कि खुद निकाह का पंगाम देकर निकाह कर लिया।
Source : सिरतून नबी (ﷺ) सीरीज,