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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तालेबान ने अफगान महिलाओं को बधाई दी, कहा-मुसलमान महिलाओं ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है!

आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर तालेबान ने अफगानिस्तान की महिलाओं को बधाई दी है।

अफगानिस्तान से प्राप्त समाचारों के अनुसार तालेबान की सरकार ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक विज्ञप्ति जारी करके अफगान महिलाओं को बधाई दी और कहा है कि वह वास्तविक अर्थों में महिलाओं की इज़्ज़त और प्रतिष्ठा की रक्षा करना चाहता है।

रोचक बात यह है कि तालेबान के दावे के बावजूद अफगानिस्तान के विभिन्न शहरों में महिलायें तालेबान की ओर से उत्पन्न की गयी सीमितताओं पर विरोध जता रही हैं। तालेबान सरकार के राजनीतिक सहायक मौलवी अब्दुल कबीर ने कहा है कि इतिहास के विभिन्न कालों में मुसलमान विशेषकर अफगान महिलाओं ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। अब्दुल कबीर ने बल देकर कहा कि अफगान महिलाओं ने विभिन्न जंगों यहां तक कि 20 वर्षीय जेहाद की सफलता में भी ध्यान योग्य भूमिका निभाई है।

उन्होंने शिक्षा और काम से महिलाओं के वंचित होने की ओर कोई संकेत नहीं किया बल्कि कहा कि तालेबान महिलाओं को उनका अधिकार देता और उनका वह सम्मान करता है। तालेबान की ओर से दिया गया यह बयान एसी स्थिति में सामने आ रहा है जब कुछ विश्लेषकों का मानना है कि तालेबान ने महिलाओं को शिक्षा और काम से वंचित कर रखा है और अपनी लोक लुभावन बातों से विश्व समुदाय से विशिष्टता लेना चाहता है जबकि कुछ अन्य टीकाकारों का मानना है कि तालेबान ने महिलाओं को बंधक बना रखा है ताकि विश्व समुदाय उसकी सरकार को जल्द से जल्द मान्यता प्रदान करे।

इसी बीच राष्ट्रसंघ के विशेषज्ञों के एक गुट ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कहा कि इस समय अफगानिस्तान में महिलाओं की स्थिति वही है जो तालेबान की सरकार के पहले दौर यानी 2002 में थी। इसी प्रकार राष्ट्रसंघ के विशेषज्ञों ने कहा है कि तालेबान ने महिलाओं को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित कर रखा है।

इसी बीच अफगानिस्तान में तालेबान के खिलाफ विरोध करने वाली कुछ महिलायें तालेबान की जेलों में बंद हैं। हालिया महीनों में कुछ इस्लामी देशों और इस्लामी जगत के विद्वानों और धर्मगुरूओं ने तालेबान द्वारा महिलाओं को शिक्षा और कार्य से वंचित किये जाने को इस्लामी शिक्षाओं के खिलाफ बताया और इस गुट का आह्वान किया है कि वह महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करे।

ज्ञात रहे कि 15 अगस्त 2021 से तालेबान ने अफगानिस्तान की सत्ता की बागडोर अपने हाथ में ले रखी है तब से महिलाओं को शिक्षा ग्रहण करने और काम से रोक दिया गया है।