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लेखक, संजय नायक ‘शिल्प’ की====कहानी “मरीज़” अंतिम किश्त, पढ़िये!
संजय नायक ‘शिल्प’ ================== · कहानी “मरीज” अंतिम किश्त ‘…………आज भी वो मुस्कान वैसी ही थी जैसे पांच साल पहले थी’ उसने मन ही मन सोचा और सीने से तस्वीर को लगा आँखें बंद कर ली । तभी दरवाजे पर जोर जोर से दस्तक हुई “दरवाजा खोलिए लेक्चरर साहब कब तक सोते रहेंगे ?” बाहर […]
वो देंगे आदेश हमेशा, हम केवल अनुरोध करेंगे?…By-सोनरूपा
Sonroopa Vishal ============ मन ही मन जब क्रोध करेंगे, फिर कैसे प्रतिरोध करेंगे. लोग निरर्थक भाग रहे हैं, थक कर शायद बोध करेंगे. वो देंगे आदेश हमेशा, हम केवल अनुरोध करेंगे? जीवन जीना क्या होता है? अंतिम क्षण तक शोध करेंगे. जीवन से निस्पृह रहने में, सुख, वैभव अवरोध करेंगे. जिनको अवगुण ही दिखते हों, […]
बेचारे पापा क्या करते….#लक्ष्मी कान्त पाण्डेय की कलम से
पापा आफिस में पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया! सुरीली आवाज में एक मैम बोलीं – “सर! आप की बेटी जो सेकंड क्लास में है, मैं उसकी क्लास टीचर बोल रहीं हूँ। आज पैरंट्स टीचर मीटिंग है। रिपोर्ट कार्ड दिखाया जाएगा। आप अपनी बेटी के साथ टाईम से पहुंचें।”.. बेचारे पापा क्या करते। […]