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अमरीका की आर्थिक सहायता, सरकारों को गिराने के उद्देश्य से की जाती है : क्यूबा

क्यूबा का कहना है कि अमरीका की आर्थिक सहायता, सरकारों को गिराने के उद्देश्य से की जाती है।

क्यूबा के विदेश उपमंत्री कहते हैं कि अमरीका की ओर से आर्थिक सहायता करने का वास्तविक उद्देश्य, सरकारों को गिराना है।

कारलोस फर्नार्द दे कास्यू ने शनिवार को कहा कि लोकतंत्र को बढ़ावा देने की अमरीकी योजना ग़ैर क़ानूनी है क्योंकि इसका उद्देश्य दूसरे देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करना है। उन्होंने कहा कि अमरीका की आर्थिक सहायता, हस्तक्षेप करने के लिए होती है।

क्यूबा के विदेश उपमंत्री के अनुसार लोकतंत्र को बढ़ावा देने की अपनी योजना के अन्तर्गत अमरीका, दूसरे देशों में अशांति पैदा करके वहां की सरकारों को गिराना चाहता है।

बाइडेन प्रशासन ने जूलाई में घोषणा की थी कि उन लोगों और ग़ैर सरकारी संगठनों की 6 करोड़ डाॅलर से अधिक की सहायता की जाएगी जो, क्यूबा के भीतर अहिंसक ढंग से लोकतंत्र को बढ़ावा देने के प्रयास करेंगे।

क्यूबा के विदेश उपमंत्री दे कास्यू ने कहा कि अमरीका ने क्यूबा में सरकार गिराने के लिए अबतक 200 मिलयन डाॅलर ख़र्च किये हैं। इस राशि से वह क्यूबा के भीतर अशांति फैलाने के प्रयास करता रहा है। इसी योजना के अन्तर्गत सन 2021 में क्यूबा में हिंसा फैलाई गई और यह काम करने वालों को अमरीका की ओर से सहायता की गई।

याद रहे कि विश्व के देशों के विरुद्ध साफ्ट युद्ध हमेशा के अमरीका का एक हथकण्डा रहा है जिसमें लोकतंत्र को बढ़ाने के बहाने उन लोगों को पैसे बांटे जाते हैं जो उन देशों में अशांति पैदा करते हैं।

अमरीका के भूतपूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड रीगर के सत्ताकाल में सन 1983 में NED अर्थात National Endowment For Democracy नामक संस्था का गठन किया गया था। जिस दिन से इस अमरीकी संस्था की स्थापना हुई है उसी दिन से लेकर आजतक यह संस्था, विश्व के बहुत से देशों में होने वाले विद्रोह और अशांतियों के पीछे दिखाई दी है।