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अमेरिका चाहता है कि दूसरे देश उसके लिए दुधारू गाय बन जायें, हम हरगिज़ दुधारू गाय नहीं बनेंगेः ईरानी राष्ट्रपति

राष्ट्रपति सैय्यद इब्राहीम रईसी ने 13 आबान के कार्यक्रम में जो बाइडेन को संबोधित करते हुए कहा कि ईरान 43 साल पहले आज़ाद हो चुका है और वह दृढ़ संकल्प रखता है कि आपका बंधक नहीं बनेगा, हम हरगिज़ दूधारू गाय नहीं बनेगें।

समाचार एजेन्सी तसनीम की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रपति ने आज सुबह तेहरान में अमेरिका के जासूसी अड्डे के सामने आयोजित 13 आबान के कार्यक्रम में कहा उस शख्स और भावना को भी फिरऔन कहते हैं जो केवल अपने आपको देखते और अपने ही बारे में सोचते हैं चाहे बहुत सारे इंसानों के हित खतरे में पड़ जायें और बहुत सारे इंसानों की जान चली जाये।

इसी प्रकार राष्ट्रपति ने कहा कि इमामों और पवित्र कुरआन ने चेतावनी दी है कि सावधान रहो कि अहंकार का शिकार मत हो जाना, यही खतरा व्यक्ति और समाज के पतन का कारण बनता है। आज अमेरिकी शासन व्यवस्था अहंकार व साम्राज्य का प्रतीक है।

राष्ट्रपति ने इस्लामी व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. के उस कथन की ओर संकेत किया जिसमें आपने अमेरिका को महाशैतान की संज्ञा दी थी। उन्होंने कहा अमेरिका अपने हितों को साधने के लिए इस बात के लिए तैयार है कि बहुत सारे लोग खत्म हो जायें और उनके हित खतरे में पड़ जायें। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि महान ईरानी राष्ट्र ने अपनी वैभवशाली क्रांति से साम्राज्य से मुकाबले को अपने एजेन्डे में शामिल कर रखा है और 22 बहमन को उसने शाह की अत्याचारी व तानाशाही सरकार का अंत कर दिया और 13 आबान को छात्रों की अंतरदृष्टि ने साम्राज्य से मुकाबले को पूरा कर दिया।

उन्होंने 13 आबान के दिन को विश्व साम्राज्यवाद से मुकाबले और ईरानी जनता की मज़लूमियत का प्रतीक बताया और कहा कि आज के दिन फिरऔनी, साम्राज्यवादी और अहंकारी कृत्यों को बयान किया जाना चाहिये। अहंकारियों की चालों व षडयंत्रों को स्पष्ट किया जाना चाहिये। वे राष्ट्रों के मध्य फूट डालना चाहते हैं ताकि अपने वर्चस्व को जारी रख सकें।

राष्ट्रपति ने अमेरिका की आतंकवादी कार्यवाहियों की ओर संकेत करते हुए कहा कि अमेरिका दुनिया की 300 से अधिक जंगों में मौजूद रहा है, अमेरिका ने 62 देशों में विद्रोह करवाया है, सबसे अधिक लोग अफगानिस्तान, इराक और वियतनाम की जंग में मारे गये हैं और अमेरिका ने इन युद्धों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। राष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवाद से मुकाबला, राष्ट्रों को आज़ाद करने के बहाने और तकफीरी और उनके समर्थक गुटों को बनाना क्षेत्र के देशों में अमेरिकी हस्तक्षेप के परिणाम हैं।

उन्होंने अमेरिकी भावना को अहंकारी व वर्चस्ववादी बताया और कहा कि अमेरिका चाहता है कि दूसरे देश उसके लिए दुधारू गाय बन जायें, इतने सारे अपराधों के बावजूद वह अपना परिचय आज़ादी और लोगों के अधिकारों के समर्थक व पक्षधर के रूप में करता है, दाइश को उसने बनाया है और वह दूसरे देशों में अपराध कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि दो दशकों तक अफगानिस्तान में अमेरिकी उपस्थिति का परिणाम हिंसा, हत्या और अपराध के अलावा और क्या था? अमेरिका के कृत्य सबके सामने हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे कुछ घंटे पहले पता चला है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपनी ज़बान से एक जुमला अदा किया है जिसमें कहा है कि हम ईरान को आज़ाद करना चाहते हैं मुझे लगता है कि जिस तरह से उनकी ज़बान फिसल जाया करती है और ध्यान नहीं रहता है यह जुमला भी उसी का नतीजा है।

राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने कहा कि ईरान 43 साल पहले आज़ाद हो चुका है और अब आपका बंधक न बनने का दृढ़ संकल्प रखता है और हम हरगिज़ दुधारू गाय नहीं बनेगें, ईरानी राष्ट्र ने बारमबार अपने दृष्टिकोणों की घोषणा कर दी है।