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अमेरिकी संसद में भारत विरोधी प्रस्ताव पेश, धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की गई

अमेरिका की डेमोक्रेटिक पार्टी की सांसद इल्हान उमर ने अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें अमेरिका के विदेश मंत्री से धार्मिक स्वतंत्रता के कथित उल्लंघन के लिए भारत को विशेष रूप से चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की गई है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, सांसद रशीदा तालिब और जुआन वर्गास द्वारा सह-प्रायोजित, प्रस्ताव में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन से अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने का आग्रह किया गया है, जिसने लगातार तीन वर्षों तक भारत को विशेष चिंता वाला देश घोषित करने की मांग की गई है। प्रतिनिधि सभा में मंगलवार को पेश किया गया यह प्रस्ताव आवश्यक कार्यवाही के लिए सदन की विदेश मामलों की समिति के पास भेज दिया गया है। सांसद इल्हान उमर द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव के पारित होने की उम्मीद बढ़ती हुई नज़र आ रही है। इसकी वजह पैग़म्बरे इस्लाम (स) पर की गई टिप्पणी के बाद पूरी दुनिया में भारत की छवि को गहरा नुक़सान पहुंचा है।

उमर का प्रस्ताव भारत में कथित मानवाधिकारों के उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन की निंदा करता है, जिसमें मुसलमानों, ईसाइयों, सिखों, दलितों, आदिवासियों और अन्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक अल्पसंख्यकों को ‘‘लक्षित” करना शामिल है। इसमें भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ ‘‘ख़राब व्यवहार” पर गंभीर चिंता व्यक्त की गई है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारत ने धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में उसकी आलोचना को खारिज करते हुए कहा था कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में भी ‘‘वोट बैंक की राजनीति” की जा रही है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि भारत पर यह रिपोर्ट ‘‘ पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है।’