हैदराबाद: कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अपनी पुरानी सहयोगी पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन से गठबंधन तोड़ने का फैसला लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने उन सभी लोकसभा और विधानसभा सीटों पर अपना प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है, जहां ओवैसी की अध्यक्षता में एआईएमआईएम चुनाव लड़ती है।
Rahul Gandhi vows to defeat MIM everywhere https://t.co/MCtJCTZDJ2 via @TOIHyderabad pic.twitter.com/fHYoF8O4W3
— The Times Of India (@timesofindia) February 21, 2018
तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने मंगलवार को कहा, ‘पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने ओल्ड सिटी सहित अन्य सभी जगहों पर एआईएमआईएम के खिलाफ प्रत्याशी उतारने का फैसला किया है।’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने केवल प्रत्याशी उतारने का ही नहीं, बल्कि यह आश्वस्त करने को भी कहा है कि एमआईएम प्रत्याशी की बुरी तरह हार हो।
राहुल से नाराजगी
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने ओवैसी की पार्टी के खिलाफ यह निर्णय नाराजगी की वजह से उठाया है। राहुल इस बात से नाराज हैं कि एमआईएम कई सारे राज्यों में कांग्रेस के खिलाफ चुनाव लड़ कर अल्पसंख्यक और अन्य वर्गों के वोटों में सेंधमारी कर रही है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश के बंटवारे से पहले किरन कुमार रेड्डी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार में एआईएमआईएम विधायक अकबरूद्दीन ओवैसी को जेल भेजने के साथ ही कथित तौर पर प्रताड़ित भी किया गया था। उस घटना के बाद से ही दोनों पार्टियों के बीच विवाद गहरा गया था।
हालांकि कांग्रेस पहले भी एमआईएम के खिलाफ प्रत्याशी उतारती रही है, लेकिन यह कथित तौर पर ‘चुनावी दोस्ती’ के तौर पर किया जाता था। दोनों ही पार्टियों के बीच अंदरखाने यह समझौता होता था कि कांग्रेस, एमआईएम को अप्रत्यक्ष तरीके से चुनाव जीताने के लिए बीजेपी, टीडीपी और टीआरएस के हिंदू वोटों में सेंधमारी करेगी। लेकिन एमआईएम ने कभी कांग्रेस को श्रेय ना देकर जीत अपने ही दम पर हासिल करने का ऐलान करती रही।
अब कांग्रेस ने एमआईएम की इस ‘धोखेबाजी’ से नाराज होकर पंचायत चुनावों से लेकर 2018-19 की चुनावी जंग को अकेले दम पर ही लड़ने का निर्णय लिया है।