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अफ़ग़ानिस्तान : सत्ता में आने के बाद तालिबान की पहली लोया जिरगा दाईश के हमले ने बिगाड़ा खेल : हमले का लाईव वीडियो

 

सत्ता में आने के बाद तालिबान पहली बार लोया जिरगा या एक बड़ा सम्मेलन की मेज़बानी कर रहे हैं। इस सम्मेलन में पूरे देश से तीन हज़ार से अधिक मुस्लिम विद्वान और क़बायली नेता शामिल हो रहे हैं, जो शांति व्यवस्था समेत सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

इस बीच, स्थानीय सूत्रों का कहना है कि काबुल में उस समय अफ़रा-तफ़री मच गई जब तालिबान की मेज़बानी वाले लोया जिरगा के पास से गोलियों और फ़ायरिंग की आवाज़ें सुनाई दीं। फ़्रीडम फ़ाइटर्स फ़्रंट नामक एक गुट ने बयान जारी करके हमले की ज़िम्मेदारी ली है और कहा है कि यह हमला तालिबान के विनाश और उन्हें नष्ट करने के लिए किया गया था। हालांकि तालिबान शासन ने इस घटना पर अबतक कोई बयान जारी नहीं किया है।

हमले के बाद तालिबान के हेलीकॉप्टरों ने लोया जिरगा के आयोजन स्थल पर गश्त शुरू कर दी है। तालिबान ने राजधानी भर में उच्च सुरक्षा तैनात की है, जिरगा स्थल की ओर जाने वाली सड़कों को अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया गया है। इलाक़े में किसी भी घटना को रोकने के लिए कड़े सुरक्षा के इंतेजाम किए गए हैं।

जिस समय लोया जिरगा स्थल के निकट फ़ायरिंग की गई, उस समय सम्मेलन में लड़कियों की शिक्षा पर चर्चा हो रही थी। हालांकि सम्मेलन में किसी महिला को आमंत्रित नहीं किया गया है। तालिबान के उप प्रधानमंत्री का कहना है कि महिलाओं की नुमाइंदगी भी पुरुष करेंगे।

यहां एक बात और उल्लेखनीय है कि अफ़ग़ानिस्तान में पिछले लोया जिरगों के विपरीत तालिबान की मेज़बानी में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में देश की कई महत्वपूर्ण राजनीतिक हस्तियों ने भाग नहीं लिया और उनकी कुर्सियां ख़ाली पड़ी रहीं।

अफ़ग़ानिस्तान के इतिहास में लोया जिरगा का अपना एक महत्व रहा है। पिछले 100 वर्षों के दौरान इस देश के संविधानों में लोया जिरगा को एक विशेष महत्व दिया जाता रहा है। 1924 से लेकर आज तक 8 संविधानों में से 7 को लोया जिरगा ने पारित किया था। आख़िरी लोया जिरगा पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ़ ग़नी की सरकार में 2020 में आयोजित किया गया था। जिसमें सरकार ने तालिबान क़ैदियों की आज़ादी के मुद्दे को लोया जिरगा पर छोड़ दिया था।

दर असल, तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर क़ब्ज़ा तो कर लिया है, लेकिन उनकी सरकार को अभी तक किसी देश ने औपचारिकता प्रदान नहीं की है और एक व्यापक राष्ट्रीय सरकार नहीं होने से देश के भीतर भी इसकी लोकप्रियता काफ़ी कम है। इसी को देखते हुए तालिबान ने लोया जिरगा का आयोजन किया है, ताकि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कुछ समर्थन जुटाया जा सके।

तालेबान की पहली लोया जिरगा बैठक पर हुआ हमला…

तालेबान द्वारा काबुल आयोजित ‘लोया जिरगा’ बैठक पर हमले की ख़बर है।

स्‍थानीय मीडिया के अनुसार आयोजन स्‍थल के पास धमाकों और गोलियों के चलने की आवाजें सुनाई दी। इस हमले का कोई सही कारण सामने नहीं आया है।

तालेबान शासन ने भी अभी तक स्‍पष्‍ट तौर पर कुछ नहीं कहा है लेकिन फ़्रीडम फ़ाइटर्स फ्रंट ने अपने बयान में कहा कि उसके ‘विशेष बलों’ ने तालेबान की सभा पर हमला किया था। इस घटना के बाद से काबुल की सड़कों पर कड़ी सुरक्षा देखी जा रही है।

आमाज न्यूज़ के अनुसार काबुल में अफ़रा-तफ़री का माहौल रहा और लोया जिरगा के हॉल के पास कई विस्फोट हुए और गोलियां चलने की जानकारी मिली है। घटना के बाद से तालेबान ने सुरक्षा कड़ी कर दी है। लोया जिरगा स्‍थल की तरफ़ जाने वाली सड़कों पर बैरीकेटिंग कर दी गई है। तालेबान के हैलिकाप्‍टरों ने भी आयोजन स्‍थल पर गश्‍त शुरू कर दी है। इलाके में पुलिस चौकियां बनाई जा रही हैं ताकि अगली किसी भी घटना को पहले ही रोक दिया जाए।

काबुल में तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम में लड़कियों की शिक्षा के मुद्दे पर चर्चा हुई लेकिन इस सभा में एक भी महिला शामिल नहीं हुई। लोया जिरगा तीन दिवसीय सम्‍मेलन है जिससे में पूरे अफगानिस्‍तान से 3500 से अधिक श्रद्धालु धार्मिक विद्वानों और बुजुर्गों को आमंत्रित किया गया है। लड़कियों की शिक्षा पर चर्चा कर रहे तालेबान की सभा में महिलाओं को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई है।

पाकिस्तान में अफ़ग़ान शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करने वाली लगभग 70 हस्तियों और ईरान में रहने वाले शरणार्थियों के लगभग 30 अन्य लोगों ने जिरगा में भाग लिया है। तालेबानी ‘जिरगा’ अफ़ग़ानिस्तान में आए बड़े भूकंप के कुछ दिनों बाद आयोजित किया जा रहा है जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए और दस हज़ार नागरिक बेघर हो गए।

Tajuden Soroush
@TajudenSoroush
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Jul 1
I am told that the ISIS-K fighters rented a building in front of Loya jirga tent in Karta Mamorin 2 months ago. Today they attacked Taliban gathering which killed 3 of them.

5Pillars
@5Pillarsuk

1. Remarks by IEA leader Mullah Hebatullah Akhundazadeh at a meeting of religious scholars (loya jirga) in Kabul:

Thank you! We congratulate everyone on the victory that led to the liberation of our country and the subsequent establishment of the Islamic system.

Frenkie Mark (فرنکی مارک)
@FrenkieMark

Five rockets were fired from the area of 6th district, Kabul city towards the Loya Jirga tent. This resulted in casualties, while heavy firing was taking place in the area. The second day of the attacks on the meeting of religious scholars and the Taliban in the Kabul.

Mohammad Natiq
@natiqmalikzada

Although there were several explosions and rocket attacks near to the #Taliban Loya Jirga venue in Kabul, the Taliban spokesman for Ministry of Interior has announced that the second day of “Ulema gathering” ended without any security incident.

Mohammad Natiq
@natiqmalikzada

Of the more than 3,000 members in #Taliban Loya Jirga, only one member has supported girls’ education so far & asked for reopening of girls schools.

The rest of the members so far have only talked about how to suppress people & groups opposing the Taliban. Even they asked