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आगामी 15 दिनों में होंगे दो बड़े सियासी धमाके!

एनसीपी प्रमुख शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने बड़ा बयान दिया है। सुले ने कहा है कि आगामी पंद्रह दिनों में दो बड़े राजनीतिक विस्फोट होंगे। उन्होंने कहा एक विस्फोट दिल्ली और दूसरा महाराष्ट्र में होगा। केंद्र में बीजेपी के खिलाफ मजबूत विपक्ष बनाने की दिशा में सुप्रिया का बयान बेहद अहम माना जा रहा है।

अजीत पवार के साथ एनसीपी के 14 विधायक
वहीं, महाविकास आघाड़ी के सूत्रों ने दावा किया है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी के 13 विधायक अजीत पवार की अगुवाई में बीजेपी के संपर्क में हैं। ये सभी विधायक बीजेपी में शामिल होने पर विचार कर रहे हैं। सूत्रों ने दावा किया कि इन विधायकों पर एनसीपी छोड़ने के लिए दबाव डाला जा रहा है।

खबर ये भी है कि शरद पवार ने इन विधायकों को मनाने की कोशिश की लेकिन अबतक बात बन नहीं पाई है। महाविकास आघाड़ी में चल रहे मौजूदा संकट को लेकर खड़गे और राहुल गांधी अगले हफ्ते महाराष्ट्र कांग्रेस के साथ अहम बैठक करेंगे। इसमें कांग्रेस की राज्य में भूमिका, एनसीपी का पर्याय और बाकी रणनीति पर होगी चर्चा।

इसके अलावा अजीत पवार को लेकर कांग्रेस नेता नाना पटोले ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमें अजीत पवार पर विश्वास है कि वे बीजेपी में शामिल नहीं होंगे, लेकिन किस के मन में क्या चल रहा है इसे कौन जान सकता है।
अजीत पवार ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उनके बीजेपी में जाने की खबरें गलत हैं।

शरद पवार ने का थी राहुल गांधी से मुलाकात
हाल ही में शरद पवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की थी। हालांकि, संसद में पवार विपक्ष की किसी मुहिम में शामिल नहीं हुए थे। उन्होंने विपक्ष के कई मुद्दों से पूरी तरह किनारा कर लिया था। लेकिन सत्र खत्म होने के बाद बने सियासी हालात में उन्होंने राहुल से मिलकर नए संकेत दे दिए।

उनकी ये मुलाकात इस मायने में अहम रही कि हाल ही में उनके भतीजे अजीत पवार के बीजेपी में शामिल होने की सुगबुगाहट तेज हुई है। सियासी गलियारों में हवा उड़ती रही कि अजीत एक बार फिर एनसीपी को गच्चा दे सकते हैं। 2019 में वह महाराष्ट्र में बीजेपी से हाथ मिलाकर शरद पवार को झटका दे चुके हैं।

अजीत पवार दे चुके हैं झटका
अजीत पवार ने 2019 में जबरदस्त गुगली फेंकी थी। तब उनके चाचा दिग्गज नेता शरद पवार महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के तीन दलों के बीच गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहे थे। राजभवन में आनन-फानन में आयोजित समारोह में उन्होंने बीजेपी के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी। देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

हालांकि, अजीत पलट गए और कुछ ही दिनों में ये सरकार भी गिर गई। तब एनसीपी के लगभग सभी विधायक जिन्होंने उनका समर्थन किया था, उनमें से कुछ ने शरद पवार से शिकायत की कि उन्हें अपने भतीजे का समर्थन करने के लिए मजबूर किया गया था। तब से शरद पवार ने महत्वपूर्ण फैसलों में सुप्रिया सुले और अन्य नेताओं को शामिल करना शुरू कर दिया है।