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आला हज़रत घराने के खिलाफ कोर्ट ने सुनाया फैसला,पुलिस लेने जा रही है बड़ा ऐक्शन

बरेली: तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह का विरोध करने वाली दरगाह आला हजरत खानदान की बहू निदा खान उलेमा के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी। निदा ने कहा है फतवे देकर इस्लाम से खारिज करने वाले कौन होते हैं। जवाब उन्हें कोर्ट में देना होगा।

आला हजरत हेल्पिंग सोसाइटी की अध्यक्ष निदा ख़ान के खिलाफ दरगाह आला हज़रत के दारूल इफ्ता ने फतवा जारी किया था। फतवे के मुताबिक निदा खान की बयानबाज़ी को आलिमों ने ग़ैर इस्लामी क़रार दिया और उसको इस्लाम से खारिज कर दिया। फतवा जारी होने के बाद निदा खान ने कहा देश में लोकतंत्र है इसलिए यहां देश का कानून ही चलेगा। फतवे देकर इस्लाम से खारिज करने वाले कौन होते है। फतवे देखकर कुछ लोग वसूली करते हैं। ऐसे फतवों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।

आजकल निदा खान का मामला पूरे देश में चर्चा बना हुआ है. फिलहाल हम जो खबर दे रहे हैं वो उनके लिए अच्छी है. बरेली की जनपद न्यायलय ने उन्हें बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने उनके ऊपर किये गए ट्रिपल तलाक़ को खारिज कर दिया गया है. आला खानदान की बहु निदा खान को ये बड़ी जीत हासिल हुई है. अदालात ने आदेश दिया है कि निदा के ऊपर घरेलु हिंसा का मुक़दमा चलाया जाए. इस मामले में अगली सुनवाई 27 जुली को की जायेगी।

आपको बता दें कि निदा आला हज़रत खानदान की बहु हैं.इस लिए ये मामला काफी चर्चित रहा क्युकि आला हजरत खानदान की मुस्लिम समाज में बड़ी प्रतिष्ठा है.हलाकि आला हजरत खानदान के जिस सदस्य से निदा की शादी हुई थी उसने तीन तलाक दे दिया.निदा का आरोप है कि उन्हें दहेज़ के लिए लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा है. जब वो घर वालों की मांग पूरी न कर सकीं तो घरवालों ने उनसे मारपीट की और उन्हें घर से बाहर कर दिया. निदा ने लेकिन इसके बाद घर बैठना ठीक नहीं समझा और अदालात का दरवाज़ा खटखटाया।

निदा के पति शीरान रज़ा खान के खिलाफ घरेलु हिंसा का मामला दर्ज किया गया है.निदा के पति ने दावा किया था कि क्यूंकि उन्होंने निदा को तलाक़ दे दिया हा इसलिए उन पर कोई मुक़दमा बनता ही नहीं है.आज उनकी इस बात को अदालत ने खारिज कर दिया है.अदालत ने इस फ़ैसले में 3 तलाक़ को ग़लत बताया है और उसे खारिज कर दिया है.ये निदा के लिए बड़ी जीत मानी जा रही है.निदा और शीरान की शादी 16 जुलाई, 2015 को हुई थी. उन्हें 5 फरवरी, 2016 को ट्रिपल तलाक़ देकर घर से बाहर कर दिया गया था।