उत्तर प्रदेश राज्य

इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर में बनी मस्जिद को हटवाने की बात पर सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार से देखिए क्या कहा

इलाहाबाद:मुसलमानों के नमाज़ पढ़ने के लिये इलाहबाद हाईकोर्ट परिसर में बनी मस्जिद अब कट्टरवादी लोगों की नज़रों में खटकने लगी है,जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद हटवाने के लिये दायर याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार से मस्जिद हटवाने के लिये मस्जिद के लिये दुसरी जगह देने के बारे में पूछा है।

अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई महीने में होगी. कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में सरकार वैकल्पिक जमीन देने के बारे में बताए. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि इस मामले को दोनों पक्षकार आपस में सुलझा लें. सुप्रीम कोर्ट के कहने के बाद वक्फ बोर्ड इलाहाबाद हाईकोर्ट परिसर के नजदीक दूसरी जगह मस्जिद बनाने को तैयार है. वक्फ बोर्ड की तरफ से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ये मस्जिद 1959 में बनी थी।

जब तक इस मामले में आखिरी फैसला नहीं आ जाता है, तब तक मस्जिद हटाने के फैसले पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी. इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ कर रही है. बता दें, जिस जमीन पर मस्जिद है वह जमीन इलाहाबाद हाईकोर्ट की है।

कोर्ट की जमीन पर बनी मस्जिद को हटाने के खिलाफ एक जनहित याचिका दायर की गई थी. जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नवंबर 2017 में हाईकोर्ट ने तीन महीने के भीतर मस्जिद को वहां से हटाने का आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कहा कि यह जमीन हाईकोर्ट की है. मस्जिद का निर्माण अवैध अतिक्रमण है, इसलिए मस्जिद तीन महीने के भीतर वहां से हटाई जाए. बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल प्रभाव से मस्जिद हटाने की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी