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इस्राईल ने NSO नाम का एक जासूसी यंत्र बनाया, जिसका प्रयोग सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं की जासूसी के लिए किया जा रहा है : रिपोर्ट

इंडोनेशिया के संचार माध्यमों ने इस बात का रहस्योदघाटन किया है कि इस्राईल ने NSO नाम का एक जासूसी यंत्र बनाया है जिसका प्रयोग इंडोनेशिया के सरकारी अधिकारियों व राजनेताओं की जासूसी के लिए किया जा रहा है।

अलबत्ता इस्राईल द्वारा जासूसी यंत्रों का निर्माण और दूसरे देशों के अधिकारियों व राजनेताओं की जासूसी के लिए उनका प्रयोग कोई नया विषय नहीं है और यह केवल इंडोनेशिया तक सीमित नहीं है बल्कि आस्ट्रेलिया, स्पेन, फीनलैंड और फ्रांस जैसे दुनिया के विभिन्न देश भी इस्राईल की जासूसी से सुरक्षित नहीं हैं। इसी तरह इस्राईल अपने जासूसों और जासूसी यंत्रों का प्रयोग लेबनान और फिलिस्तीन और दूसरे देशों में भी करता है।

दोस्तो आपको ज्ञात है कि जिस तरह अवैध जायोनी शासन की बुनियाद निहत्थे और मज़लूम फिलिस्तीनियों के खून पर रखी गयी है और मज़लूम लोगों यहां तक कि महिलाओं और मासूम बच्चों की हत्या भी इस अवैध शासन की प्रवृत्ति है उसी तरह दुनिया के विभिन्न देशों के अधिकारियों और राजनेताओं की जासूसी भी इस अवैध शासन की नीति व प्रवृत्ति का भाग है।

रोचक बात यह है कि जायोनी अपने अवैध लक्ष्यों व हितों को साधने के लिए अपने निकटतम घटकों की जासूसी करने में भी संकोच से काम नहीं लेते हैं। राजनीतिक मामलों के एक टीकाकार मोहम्मद अलमसक़ती इस बारे में कहते हैं” जायोनियों की प्रवृत्ति खराब है वे जासूस और विनाशकारी प्रवृत्ति के होते हैं। दुनिया का कोई एसा क्षेत्र व भाग नहीं है जहां जायोनी हैकर और जासूसी यंत्र न हों और वे जासूसी करने में व्यस्त हैं और इससे उन लोगों को पाठ लेना चाहिये जो जायोनियों से संपर्क स्थापित करने के इच्छुक हैं।

अमेरिका इस्लामी देशों विशेषकर अरब देशों और जायोनी शासन के मध्य संबंध स्थापित कराने के प्रयास में है एसी स्थिति में इस बात का रहस्योदघाटन हो जाना कि इस्राईल का जासूसी यंत्र NSO का प्रयोग इंडोनेशिया के अधिकारियों और राजनेताओं की जासूसी के लिए हो रहा है तो सवाल यह उठता है कि क्या जायोनी दूसरे देशों के लिए भरोसेमंद साबित हो सकते हैं, क्या उन पर भरोसा किया जा सकता है? जबकि विश्व स्तर पर विशेषकर इस्लामी देशों में उनके प्रति काफी घृणा पायी जाती है।

इंडोनेशिया उन इस्लामी देशों में से है जो जायोनी शासन से संबंध सामान्य बनाये जाने का विरोधी है और वह फिलिस्तीन की मज़लूम जनता की इच्छाओं व आकांक्षाओं का समर्थन करता है। इंडोनेशिया में इस्राईल के जासूसी यंत्रों का पाया जाना न केवल इंडोनेशिया बल्कि एशिया के दूसरे दक्षिण पूर्वी देशों के लिए भी गम्भीर खतरे की घंटी है। डंडोनेशिया जायोनी शासन का मुखर विरोधी है और वहां का राजनीतिक और सामाजिक ढांचा इस प्रकार का है कि जायोनी शासन से संबंध स्थापित करना संभव नहीं है इसलिए इस्राईल जासूसी यंत्रों के माध्यम से इंडोनेशिया के अधिकारियों व राजनेताओं की जासूसी करा रहा है।

बहरहाल जो देश भी इस्राईल से संबंधों को सामान्य बनाये जाने के इच्छुक हैं वहां के अधिकारिंयों को इस बात को ध्यान में रखना चाहिये कि इस्राईल किसी का भी हितैषी व दोस्त नहीं है और हमेशा वह केवल अपने अवैध हितों के बारे में सोचता है और इंडोनेशिया में इस देश के अधिकारियों की जासूसी के लिए इस्राईल के जासूसी यंत्रों के रहस्योद्घाटन को इसी परिप्रेक्ष्य में देखा जा सकता है।