नई दिल्ली: सऊद अरब ने पिछले दिनों अपने बिगड़े हुए हालात के बावजूद क़तर पर हमला करने की धमकी देकर सनसनी फैला दी थी,जिसके बाद सऊदी की कई अन्य देशों ने कड़े शब्दों में आलोचना करी थी तो वहीं उसके सहयोगी देशों ने तारीफें करी थी।
अल-ज़ज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, क़तर के रक्षा मंत्री ख़ालिद अलअतीया ने दोहा द्वारा रूस से अपनी सीमा की सुरक्षा के लिए एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली ख़रीदे जाने के संबंध में सऊदी अरब द्वारा क़तर पर सैन्य हमले की धमकी का मज़ाक उड़ाते हुए कहा कि रियाज़ के इस तरह के बयान, केवल गीदड़ भभकियां हैं जिनको हम गंभीरता से नहीं लेते।
Qatar's foreign minister says threats of military action by Saudi Arabia violates "international law and all the international norms". https://t.co/mQLLRfhelR
— Al Jazeera English (@AJEnglish) June 5, 2018
उल्लेखनीय है कि सऊदी नरेश सलमान बिन अब्दुल अज़ीज़ ने हाल ही में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुअल मैक्रॉन को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि क़तर को रूस से ख़रीदे जाने वाले एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के सौदे को रद्द करना होगा और अगर दोहा हमारी बात नहीं मानेगा तो हम उसपर सैन्य हमला करेंगे।
दूसरी ओर मध्यपूर्व के मामलों के जानकारों का मानना है कि एक ओर सऊदी अरब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस सहित स्वयं रूस से भी लगातार हथियार ख़रीद रहा है और इस समय दुनिया के एक सबसे बड़े हथियारों के ख़रीदारों में उसको गिना जाता है। साथ ही वह लगातार यमन पर बम बरसा कर वहां की जनता का नरसंहार कर रहा है।
यह देश मानवाधिकार तथा बच्चों के अधिकार सहित हर तरह के अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों का उल्लंघन कर रहा है। इन सब अत्याचारों के बावजूद वह दूसरे देशों द्वारा उन रक्षा सौदों का विरोध करता है जो वे अपनी सीमा की रक्षा के लिए करते हैं।