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इस युवा मुस्लिम क्रिकेटर को ऐशिया कप के लिये मिली भारतीय टीम में जगह-नाराज़ पिता की आँखों में आ गए आंसु

नई दिल्ली: लम्बे इंतेज़ार के बाद आखिरकार खलील अहमद को भारतीय टीम में स्थान मिल ही गया,वो ऐशिया कप में भारतीय टीम का हिस्सा होंगे,टीम में उन्हें बतौर तेज़ गेंदबाज के जगह मिली है,आईपीएल में खलील अहमद सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा थे,और सेमीफाईनल मुक़ाबले में उन्हें खेलने का मौका मिला था।

खिलील अहमद के भारतीय टीम में चयन होने की खुशी में उनके पिता की आँखों में आँसू निकल आये,और वो बेटे की कामयाबी पर जज्बाती होगए, खलील का ताल्लुक राजस्थान से है काफी दिनों के बाद किसी राजस्थानी किसी खिलाड़ी को भारतीय टीम में जगह मिली है।

खलील ने कहा कि टीम इंडिया मे सिलेक्शन को लेकर वे काफी खुश हैं। अब देश की तरफ से वर्ल्ड कप खेलना उनका लक्ष्य है। सिलेक्शन की खबर के बाद से ही खलिल के घर में जश्न का माहौल है। यहां जश्न में आतिशबाजी भी की गई। खलील अहमद ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता व कोच इम्तियाज खान को दिया।

बैंगलोर में चतुष्कोणिय सीरीज खेलकर लाैटे खलील ने बताया अपने चयन जानकारी मिलते ही बहुत खुशी हुई। क्योंकि बचपन से वह भारतीय क्रिकेट टीम में खेलने का सपना देख रहे थे। जिले में मैदान सहित संसाधानों के अभाव के बावजूद छोटे से शहर टाेंक की गलियों से निकलकर क्रिकेट की चमकदार दुनिया का सफर तय करने के लिए खलील ने समय-समय अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है।

खलील ने कहा कि जैसे ही उन्हे अपने चयन की जानकारी मिली तो वह मस्जिद गए और खुदा में बारगाह में सिर झुका कर उनका शुक्रिया किया। अपने माता-पिता के आर्शिवाद, कोच इम्तियाज के मार्गदर्शन और पूर्व भारतीय कप्तान व जूनीयर क्रिकेट टीम के कोच राहुल द्रविड़ के मार्गदर्शन से वह स्वभाविक खेल खेलकर ही अच्छा प्रदर्शन कर पाए।

खलील क्रिकेट खेलने घर से बाहर जाते थे। जिस पर उनके पिताजी हमेशा डांटते थे। वे फिर भी मैं नहीं मानते और साइकिल लेकर क्रिकेट एकेडमी चले जाते थे। इस चक्कर में कई बार उनकी जमकर पिटाई भी होती। जितनी ज्यादा पिटाई होती उतना ही क्रिकेट के प्रति जुनून बढ़ता गया। आखिर कोच इम्तियाज ने खलील के पिता से बात की और उन्हें समझाया कि उनके बेटे में खास टैलेंट है उसे मत रोको। खलील ने बताया कि आज सबसे ज्यादा पापा ही खुश हैं। मैं अपनी इस सफलता का श्रेय भी पापा और इम्तियाज सर को ही देना चाहता हूं।

खलील अंडर-14 के ट्रायल देने गए और दो गेंद डालते ही सिलेक्ट हो गए थे। उन्होंने बताया उसके बाद डूंगरपुर ट्रॉफी के 4 मैचों में 23 विकेट लिए तो अंडर-16 में डायरेक्ट सिलेक्ट हुआ। इसके बाद अंडर-19 वर्ल्ड कप में सिलेक्शन हुआ।

खलील बताते हैं कि अंडर 19 वर्ल्ड कप के दौरान इंजरी के बाद हमारे कोच राहुल द्रविड़ सर ने मेरा बहुत सपोर्ट किया। श्रीलंका में मैं सिर्फ दो ही मैच खेल पाया था और दोनों में मैन ऑफ मैच बना। जिन मैचों में नहीं खेला, उस दौरान द्रविड सर ने मुझे बहुत समझाया। कहा, ‘चोट से पैनिक होने की जरूरत नहीं है। खिलाड़ियों के साथ ये होता रहता है। अपनी फिटनेस पर ध्यान दो और जब भी मौका मिले अपना बेस्ट देना।