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ईरानी मिसाइल यूरोप सहित बहुत से देशों तक पहुंच सकते हैं : सीरिया के राष्ट्रपति ने ईरानी राष्ट्रपति का किया शुक्रिया अदा : रिपोर्ट

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, गुरुवार की रात इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री हुसैन आमीर अब्दुल्लाहियान सीरिया की राजधानी दमिश्क़ पहुंचे और भूकंप प्रभावित इलाक़ों का दौरा करने के बाद उन्होंने इस देश के राष्ट्रपति बश्शार असद से मुलाकात की। इस अवसर पर सीरिया के राष्ट्रपति ने ईरान के विदेश मंत्री से कहा कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का उनका दौरा इस बात का प्रमाण है कि सीरिया के लिए ईरान का समर्थन केवल भौतिक चीज़ों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके मज़बूत भावनात्मक पहलू भी हैं, जो सम्मानीय है। भूकंप से मची तबाही के बारे में बात करते हुए ईरान के विदेश मंत्री ने सीरिया से राष्ट्रपति अपनी सहानुभूति व्यक्त की।

 

इस्लामी गणराज्य ईरान के विदेश मंत्री ने सीरियाई राष्ट्रपति के साथ मुलाक़ात में दमिश्क़-तेहरान संबंधों में विस्तार पर बल देते हुए अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों द्वारा सीरिया की क्रूर घेराबंदी की समाप्ति को ज़रूरी बताया और साथ ही सीरिया में भूकंप पीड़ितों को अंतर्राष्ट्रीय सहायता के पहुंचने और उसके वितरण पर ज़ोर दिया। उन्होंने अरब देशों के साथ सीरिया के संबंधों में सकारात्मक बदलाव को इस्लामी एकता के संदर्भ में यथार्थवादी और महत्वपूर्ण बताया। अमीर अब्दुल्लाहियान ने सीरिया पर अवैध आतंकी ज़ायोनी शासन के लगातार हमलों की भी कड़े शब्दों में निंदा की और कहा कि भूकंप के बाद भी ज़ायोनियों के हमले उसके क्रूर, अमानवीय और आक्रामक स्वभाव का प्रमाण हैं। इस भेंटवार्ता में, सीरिया के राष्ट्रपति बश्शार असद ने इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता और ईरान के राष्ट्रपति द्वारा व्यक्त की गई सहानुभूति और भूकंप के बाद ईरानी सरकार और लोगों द्वारा तत्काल भेजी गई मानवीय सहायता की भी सराहना की और शुक्रिया अदा किया।

 

तुर्किए में अब तक कितने लोगों की भूकंप से हो चुकी है मौत?

तुर्किए के राष्ट्रपति ने कहा है कि तुर्किए में आए भीषण भूकंप से अब तक 47 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

अनातोली समाचार एजेन्सी की रिपोर्ट के मुताबिक, तुर्किए के राष्ट्रपति रजब तैयब अर्दोग़ान ने अपने देश में आए विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या के ताजा आंकड़ों की घोषणा करते हुए कहा कि 47 हज़ार से ज़्यादा लोग मारे गए और 1 लाख 15 हज़ार से अधिक लोग घायल हुए।

तुर्किए के राष्ट्रपति ने चुनाव कराने के फरमान पर हस्ताक्षर करते हुए कहा कि चुनाव नियत समय पर होंगे।

ज्ञात रहे कि तुर्किए में 14 मई को चुनाव होने जा रहे हैं। तुर्किए में राष्ट्रपति चुनाव की तारीख नज़दीक आते ही राष्ट्रपति अर्दोग़ान और उनकी पार्टी एक गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रही है और 6 फ़रवरी को आए भीषण भूकंप ने देश की आर्थिक स्थिति को और भी ख़राब कर दी है।

नेतनयाहू ने ईरान के ख़िलाफ़ नया व अजीब दावा कर दिया

इस्राईली प्रधानमंत्री ने तेहरान विरोधी दावा करते हुए कहा है कि ईरानी मिसाइल यूरोप सहित बहुत से देशों तक पहुंच सकते हैं।

बिनयामिन नेतनयाहू ने यह दावा ऐसी स्थिति में किया है जब अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में रहने वाले कई सप्ताहों से उनकी अतिवादी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। रोचक बात यह है कि बिनयामिन ने एक साक्षात्कार में यह भी दावा किया है कि अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में डेमोक्रेसी मज़बूत है। उन्होंने अपनी नीतियों के खिलाफ कई सप्ताहों से होने वाले प्रदर्शनों के बारे में पूछे सवाल के जवाब में कहा कि मैं कहता हूं कि यह प्रदर्शन इस बात के सूचक हैं कि हमारी डेमोक्रेसी बहुत मज़बूत है।

इसी प्रकार उन्होंने कहा कि हम प्रदर्शनों पर नियंत्रण कर लेंगे और सुधार कार्य जारी रहना चाहिये। साक्षात्कार में उनसे पूछा गया कि जब इतने बड़े पैमाने पर आपकी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं तो इस प्रकार की हालत में अपनी नीतियों को जारी रहने पर क्यों बल दे रहे हैं? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि क्योंकि लोग पालिकाओं के मध्य शक्ति के संतुलित देखना चाहते हैं और विधि पालिका ज़रूरत से ज़्यादा सक्रिय थी और सीमा से अधिक उसे अधिकार प्राप्त थे जिसके नतीजे में संतुलन बिगड़ रहा था ऐसी हालत में सुधार ज़रूरी था।

जानकार हल्कों का मानना है कि जब अवैध अधिकृत फिलिस्तीन में आम लोगों और जायोनियों का गुस्सा नेतनयाहू की नीतियों के खिलाफ फूट पड़ा है और लोग सड़कों पर आ गये हैं तो ऐसी हालत में नेतनयाहू ने जो यह कहा है कि ईरानी मीसाइल यूरोप सहित दुनिया के बहुत से देशों तक पहुंच सकते हैं तो उन्होंने अपने इस दावे से अपनी नीतियों के खिलाफ होने वाले प्रदर्शनों से आम जनमत का ध्यान हटाने और यह बताने का प्रयास किया है कि अवैध अधिकृत फिलिस्तीन के हालात सामान्य हैं जबकि कुछ दूसरे टीकाकारों का मानना है कि नेतनयाहू ने अपनी विफलताओं को छिपाने और उन पर पर्दा डालने के लिए कहा कि ईरानी मीसाइल यूरोप सहित बहुत से देशों तक पहुंच सकते हैं।

जानकार हल्कों का मानना है कि नेतनयाहू ने तेहरान विरोधी दावा करके यह दर्शा दिया कि उनकी सबसे बड़ी चिंता ईरान की बढ़ती सैनिक ताक़त है और यह वह चीज़ है जो न केवल इस्राईल बल्कि उसके आक़ाओं की भी चिंता है।

हर देश को अपनी रक्षा तैयारी का अधिकार प्राप्त है और यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मान्य सिद्धांत है और इसमें किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है परंतु अपनी रक्षा के लिए परमाणु हथियारों, सामूहिक विनाश के हथियारों और इसी प्रकार रासायनिक व जैविक हथियारों का विस्तार व प्रयोग मना है जबकि विश्व जमनत को भली-भांति ज्ञात है कि अमेरिका और पश्चिमी देश और इसी प्रकार अवैध जायोनी शासन के पास परमाणु और सामूहिक विनाश के हथियार भी हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मना हैं और विश्व की शांति व सुरक्षा के लिए खतरा हैं परंतु कोई भी अमेरिका और पश्चिमी देशों यहां तक कि अवैध जायोनी शासन के परमाणु हथियारों की बात नहीं करता और कोई भी उनसे नहीं पूछता कि परमाणु हथियारों का जो आधुनिकीकरण किया जा रहा है यह किस अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत किया जा रहा है। यह उस स्थिति में है जब जायोनी शासन के पास 200 से अधिक परमाणु वार हेड्स हैं जो विश्व विशेषकर क्षेत्र की शांति व सुरक्षा के लिए गम्भीर खतरा हैं।

जानकार हल्कों का मानना है कि जो लोग ईरान की वैध सैन्य शक्ति चिंतित हैं वे वास्तव में अपने अवैध हथियारों से आम जनमत का ध्यान हटाने की चेष्टा में हैं और आज का विश्व जनमत पहले की अपेक्षा इस बात को बहुत अच्छी तरह जान चुका है कि विश्व की शांति व सुरक्षा के लिए वास्तविक और गम्भीर खतरा कौन है।

सीरिया में अमरीका की उपस्थति दाइश के लिए उपहार

अमरीकी सांसद का कहना है कि सीरिया में इस देश की उपस्थति, आतंकी गुट दाइश के लिए वरदान के समान है।

अमरीकी कांग्रेस में फ्लोरिडा के रिपब्लिकन प्रतिनिधि मेट गेट्ज़ ने सीरिया से अमरीकी सैनिकों की वापसी के बारे में एक प्रस्ताव पेश किया है। उनका यह प्रस्ताव कांग्रेस में पारित नहीं हो पाया। इसके पक्ष में 103 मत पड़े जबकि विरोध में 321 वोट डाले गए।

मेट गेट्ज़ के प्रस्ताव के हिसाब से अगर यह पारित हो जाता तो अमरीकी राष्ट्रपति को छह महीनों के भीतर सीरिया में मौजूद सारे अमरीकी सैनिकों को वापस बुलाना होता। बाइडेन के लिए यह बाध्यकारी काम हो जाता। वर्तमान समय में सीरिया में अमरीका के कम से कम 900 सैनिक मौजूद हैं।

सीरिया से अमरीकी सैनिकों की वापसी का प्रस्ताव पेश करने वाले मेट गेट्ज़ ने उन लोगों को संबोधित करते हुए जो सीरिया से अमरीकी सैनिकों की वापसी का विरोध कर रहे हैं कहा कि वर्तमान हालत में सीरिया में अमरीकी उपस्थति आतंकी गुट दाइश के लिए बेहतरीन उपहार है।

हालांकि सीरिया से अमरीकी सैनिकों की वापसी पर आधारित प्रस्ताव अमरीकी कांग्रेस में पारित नही हो पाया किंतु सीरिया लंबे समय से अपने यहां पर अमरीकी सैनिको की उपस्थति का विरोध करते हुए उनकी तत्काल वापसी का इच्छुक है। इस संदर्भ में सीरिया के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके अपने देश में अमरीका द्वारा किये जा रहे मानवाधिकारों के हनन को समाप्त करने और अमरीकी सैनिकों की वापसी की मांग की है।