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ईरान और चीन ने तालेबान से की समग्र सरकार बनाने की मांग : रिपोर्ट

ईरान और चीन ने तालेबान से मांग की है कि वे अफ़ग़ानिस्तान में एक समग्र सरकार का गठन करें।

इस्लामी गणतंत्र ईरान और चीन के राष्ट्रपतियों ने एक संयुक्त घोषणापत्र में तालेबान से यह मांग की है कि अफ़ग़ानिस्तान के सभी गुटों और वर्गों की सम्मिलिति से इस देश में एक व्यापक सरकार का गठन किया जाए।

राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी की चीन यात्रा के दौरान जारी होने वाले इस संयुक्त बयान में ईरान और चीन की ओर से अफ़ग़ानिस्तान की जनता की सहायता और इस देश के साथ सहकारिता करने पर भी सहमति बनी।

पिछले कई वर्षों से अफ़ग़ानिस्तान विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहा है। इस देश को सबसे अधिक आर्थिक संकट का सामना है। अफ़ग़ानिस्तान की इस समस्या का समाधान क्षेत्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग के बिना संभव नहीं है। वर्तमान समय की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि इस समय सबका ध्यान, यूक्रेन संकट की ओर लगा हुआ है। एसे में अफ़ग़ानिस्तान को लगभग भुला दिया गया है।

पश्चिम विशेषकर अमरीका की ओर से यूक्रेन की व्यापक स्तर पर सहायता की जा रही है और अफ़ग़ानिस्तान की जनता को भुला दिया गया है। हालांकि अगर देखा जाए तो अफ़ग़ानिस्तान के वर्तमान संकट का मुख्य कारक अमरीका ही है। उसी ने इस देश पर प्रतिबंध लगाकर अफ़ग़ानिस्तान की जनता की हर प्रकार की सहायता के मार्ग को रोक दिया है। एसे में ईरान और चीन जैसे देश अफ़ग़ानिस्तान के संदर्भ में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकते हैं।

इस संदर्भ में अफ़ग़ानिस्तान के एक टीकाकार मुहम्मद अनवर कहते हैं कि ईरान हर क्षेत्र में अफ़ग़ानिस्तान की जनता के लिए आदर्श है। दोनो देशों की सभ्यताओं में समानताएं पाई जाती हैं। हमको आशा है कि ईरान के प्रयास, अफ़ग़ानिस्तान की जनता की समस्याओं के समाधान में प्रभावी सिद्ध होंगे। इस बीच यह बात भी सही है कि अफ़ग़ानिस्तान के बारे में तालेबान के क्रियाकलापों का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। तालेबान की बहुत सी नीतियों का क्षेत्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर विरोध किया गया है जिसमें महिलाओं की शिक्षा पर पाबंदी सबसे ऊपर है।

हालांकि अफ़ग़ानिस्तान के एक राजनैतिक टीकाकार हुसैनी मज़ारी के अनुसार अफ़ग़ानिस्तान इस समय जिन हालात से गुज़र रहा है उसमे उसको अनदेखा न किया जाए। वे कहते हैं कि राजनीतिक और मानवीय मामलों में अंतर होता है। इस देश की जनता को हमेशा की राजनीतिक हिसाब से नुक़सान पहुंचा है। इस समय भीषण ठंड में अफ़ग़ानिस्तना के लोगों को बहुत अधिक सहायता की ज़रूरत है एसे में उनके बारे में राजनीति करना उचित नहीं है।

हालांकि यह बात भी सही है कि अफ़ग़ानिस्तान की बहुत सी समस्याओं का समाधान उसी समय संभव है जब इस देश में हर वर्ग की सम्मिलित से एक सरकार का गठन किया जाए जो बिना किसी भेदभाव के अपना काम करे। यही मांग अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तालेबान से की जाती रही है। ईरान और चीन के राष्ट्रपतियों की ओर से तालेबान से समग्र सरकरा के गठन की मांग को इसी संदर्भ में देखा जा सकता है।