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ईरान के शाही ख़ानदान में पैदा हुई, हिंदी फ़िल्मों की बेहद खूबसूरत अभिनेत्री ”बादशाह जहां” के बारे में जानिये!

भारतीय हिंदी सिनेमा में बड़े बड़े शानदार अभिनेता और अभिनेत्रियां हुई हैं, कुछ लोग ग़रीब परिवारों से आये थे तो कुछ बहुत बड़े घरानों से थे, 1950-60 के दशक में एक अभिनेत्री ने अनेक बड़ी और कामयाब फिल्मों में काम किया था, इन्होने अशोक कुमार, दिलीप कुमार, देवानंद, राज कपूर, शम्मी कपूर, अजीत, जयराज जैसे दिग्गज अभिनेताओं के साथ कई फिल्में की थीं, अपने कैरिएर में इन्होने 72 फिल्मों में काम किया था, इन्हें ”फैरी क्वीन ऑफ़ इंडियन मूवी’ और ”अरबी हूर” का लक़ब दिया गया था, ये अभिनेत्री थीं जानी-मानी अदाकारा बेहद खूबसूरत शकीला

पूरा नाम – बादशाहजहाँ

प्रसिद्ध नाम – शकीला
जन्म – 1 जनवरी, 1936
मृत्यु – 20 सितम्बर, 2017
कर्म भूमि – भारत
कर्म-क्षेत्र – हिन्दी सिनेमा
मुख्य फ़िल्में – ‘चाईना टाउन’, ‘आरपार’, ‘सीआईडी’, ‘दो बीघा ज़मीन’, ‘अलिफ़ लैला’, ‘झांसी की रानी’, ‘हातिमताई’, ‘अब्दुल्ला’ तथा ‘काली टोपी लाल रूमाल’ आदि।

नागरिकता – भारतीय

शकीला का जन्म काबुल में हुआ था, उनके दादा ईरान के शाही खानदान से ताल्लुक रखते थे, मगर जब शकीला छोटी थीं तब एक झगडे में उनके दादा, दादी और माँ का इन्तिकाल हो गया था, इस के बाद उनके पिता अपनी तीनों बेटियों को लेकर अफ़ग़ानिस्तान आ गए थे, शकीला का जन्म एक जनवरी 1936 में काबुल में हुआ था, उनका असली नाम बादशाह जहां था, शकीला की तीन और बहने थीं जिनके नाम नूर जहाँ, नसरीन जहाँ और फ़िरोज़ा थे

अफ़ग़ानिस्तान के बाद शकीला के पिता अपनी चारों बेटियों को लेकर भारत आ गए थे, वो यहाँ मुंबई में रहने लगे थे, मुंबई आने के कुछ वक़्त बाद ही उनके पिता का इन्तिकाल हो गया था, शकीला का परिवरिश उनकी फूफी ने की थी, शकीला की तालीम घर पर ही हुई थी,

शकीला अपने पिता के साथ

उस वक़्त के दिग्गज फिल्म मेकर अब्दुल राशिद कारदार और महबूब ख़ान से शकीला की फूफी के पारवारिक रिश्ते थे, कारदार साहब ने 1940 के दशक में शकीला को अपनी फिल्म दास्तान में काम दिया था तब शकीला की उम्र दस बरस की थी, इस तरह से उनकी एंट्री फिल्मों में हो गयी और उनका नाम बादशाह जहाँ से बदलकर शकीला रख दिया गया, कारदार साहब की फिल्म बन ही रही थी कि एक और मशहूर प्रोडूसर हसनैन साहब ने शकीला को अपनी फिल्म ”दुनियां” में कास्ट कर लिया, इस फिल्म में शकीला ने अपने वक़्त की सबसे बड़ी अभिनेत्री सुरैया के साथ काम किया थ, शकीला की दोनों फिल्में 1949 में रिलीज़ हुई थीं, बता दें कि दास्तान फिल्म में राज कपूर थे और ये फिल्म दुनियां फिल्म के बाद परदे पर आयी थी, इन दो फिल्मों के बाद शकीला ने गुमास्ता, खूबसूरत, सलोनी, राजरानी दमयंती, सिंदबाद, आगोश, अरमान आदि में बतौर बालकलाकार अभिनय किया, फिल्म झाँसी की रानी में शकीला ने फेमस अदाकारा मेहताब के बचपन की भूमिका निभायी थी,

1953 में शकीला को मेन हीरोइन के तौर पर फिल्म ”मदमस्त” में काम मिला, इस फिल्म में उनके हीरो एम.ए.अंसारी थे, इसी साल उनकी दो और फिल्में राज महल और शहंशाह पर प्रदर्शित हुईं, 1954 में फिल्म अलीबाबा और चालीस चोर फिल्म के लिए शकीला को दस हज़ार रूपए दिए गए थे, जोकि उस वक़्त एक बड़ी रक़म हुआ करती थी, इस फिल्म के हीरो महिपाल थे, ये फिल्म बहुत क़ामयाब हुई, जिसके बाद शकीला के पास फैंटसी फिल्मों के ढेरों ऑफर आने लगे, शकीला ने उस वक़्त गुलबहार, लाल पारी, लैला, नूर महल, रत्न मंजरी, शाही चोर, हातिम ताई, खुलजा सिमसिम, अल्लाद्दीन लैला, मायानगरी, नाग पदमणी, परिस्तान, अब्दुल्ला, सिमसिम मरजीना, बगदाद की रातें जैसी फिल्मों में खूब काम किया

शकीला ने उस वक़्त देवानंद के साथ CID, गुरु दत्त के साथ आर-पार, सुनील दत्त के साथ पोस्ट बॉक्स-999, मनोज कुमार के साथ रेशमी रुमाल, राज कपूर के साथ श्रीमान सत्यवादी, शम्मी कपूर के साथ चाइना टाउन में नज़र आयीं

बतौर मुख्य अदाकारा शकीला आख़िरी बार 1963 में फिल्म उस्तादों के उस्ताद फिल्म में नज़र आयी थीं, इसके बाद शकीला ने 1989 की फिल्म हम इन्तिज़ार करेंगे, और 1993 की फिल्म राज द्रोह में छोटे किरदार किये थे, शकीला ने कुल 72 फिल्मों में काम किया था, उनकी शादी भारत में ईरान के राजदूत से हुई थी, जब उनका ट्रांसफर हुआ तो शकीला ने अभिनय से सन्यास ले लिया और अपने शौहर के साथ जर्मनी चली गयीं, लगभग दो दशक तक वो जर्मनी और अमेरिका ही में रही, बाद के सालों में वो वापस मुंबई आ गयी थीं, वो मुंबई में मैरीन ड्राइव पर रहती थीं, उसके बाद वो दादर आ गयी थीं, शकीला की बहन नूर जहाँ ने मशहूर हास्य अभिनेता जॉनी वकार से शादी की थी, 20 सितम्बर 2017 को शकीला इस फ़ानी दुनियां छोड़ कर अल्लाह की बारगाह में चली गयीं