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ईरान को अशांत करने, दंगे भड़काने के लिए ”#हथियार” कौन पहुंचा रहा है : रिपोर्ट

ईरान में हालिया दिनों में होने वाले दंगों के पीछे की सच्चाई लगातार सामने आती जा रही है। इस बीच सुरक्षाकर्मियों ने ख़ुफ़िया एजेंसियों की सूचना पर एक बार फिर हथियारों से भरी दो गाड़ियों को पकड़ा है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, ईरान के उत्तरी प्रांत माज़ंदरान के डिप्टी पुलिस अधीक्षक ने सूचना दी है कि इस्फ़हान और माज़ंदरान पुलिस ने ख़ुफ़िया एजेंसियों की मदद से एक संयुक्त ऑपरेशन में क़ायमशहर में हथियारों से भरी दो कारों को तस्करों समेत पकड़ा लिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार माज़ंदरान प्रांत के डिप्टी पुलिस अधिक्षक सैयद मूसवी हुसैनी ने बताया है कि हथियारों के तस्कर दो गाड़ियों के ज़रिए देश की पश्चिमी सीमा के पास से ही ख़ुफ़िया एजेंसियों की नज़र में थे, जैसे ही उन्होंने क़ायमशहर में प्रवेश किया वैसे ही वहां पहले से मौजूद पुलिस ने उन्हें धर दबोचा। डिप्टी पुलिस अधिक्षक सैयद हुसैनी ने बताया कि इस ऑपरेशन में, जिसे इस्फहान और माज़ंदरान प्रांतों की पुलिस और ख़ुफ़िया एजेंसियों के अधिकारियों के आपसी सहयोग से अंजाम दिया गया था, इसमें हथियार ले जाने वाले वाहन को ज़ब्त करके उनके चालकों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।


पिछले दिनों सुरक्षा बलों ने दक्षिण-पूर्व में स्थित सीस्तान-बलूचिस्तान प्रांत की सीमाओं पर भारी मात्रा में हथियारों को ज़ब्त किया था
इस बीच ईरान के जनरल पुलिस कमांड ने समाज में असुरक्षा पैदा करने वाले और देश की शांति एवं सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले हथियारों और गोला-बारूद के तस्करों से निपटने में पुलिस के दृढ़ संकल्प पर ज़ोर देते हुए घोषणा की है कि जनता की सुरक्षा देश की पुलिस की रेड लाइन है। कोई भी व्यक्ति जनता की सुरक्षा और देश की शांति व्यवस्था को भंग करने की साज़िश रचता है तो ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ क़ानून के अनुसार सख़्ती से कार्यवाही की जाएगी। उल्लेखनीय है कि महसा अमीनी नामक एक कुर्द लड़की की मृत्यु के बहाने ईरान में आरंभ होने वाले उपद्रव के दौरान ईरान विरोधी शक्तियां इसे ईरान में हस्तक्षेप के लिए प्रयोग कर रही है। इस दौरान अमरीकी और कुछ पश्चिमी नेताओं ने ईरानी राष्ट्र के समर्थन की आड़ में उपद्रवियों का समर्थन किया और देश में अशांति फैलाने वालों का खुलकर साथ दिया है। वहीं पिछले 45 दिनों में इतनी मात्रा में युद्धक हथियारों का मिलना अभूतपूर्व रहा है और पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत हथियारों की तस्करी करने के मामले में वृद्धि हुई है। तस्करों द्वारा ज़ब्त किए गए ज़्यादातर हथियार अमेरिका निर्मित हैं।