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ईरान से प्रतिबंधों को हटाने के लिए ईरान और अमरीका के बीच वार्ता क़तर में शुरु हुई

प्रतिबंधों को हटाने के लिए ईरान और अमरीका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता क़तर में यूरोपीय संघ के विदेश नीति के उपप्रभारी एनरिका मोरे की मध्यस्थता से मंगलवार को शुरु हुई।

यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी जोज़ेफ़ बोरल की तेहरान यात्रा और इस यात्रा के दौरान ईरानी अधिकारियों से बातचीत के बाद मंगलवार और बुधवार को प्रतिबंधो को हटाने के मक़सद से अमरीका और ईरान के बीच वार्ता शुरु करने का फ़ैसला गया था।

इस्लामी गणतंत्र ईरान के उप विदेशमंत्री और वरिष्ठ परमाणु वार्ताकार अली बाक़िरी कनी और यूरोपीय संघ के उप विदेश नीति प्रभारी तथा परमाणु वार्ता के कोआरडिनेटर एनरिका मोरे ने क़तर की राजधानी दोहा में मंगलवार को भेंटवार्ता की।

ईरान के मामले में अमरीका के विशेष दूत राबर्ट माली ने भी जो इस मक़सद के लिए दोहा पहुंचे हैं, क़तर के विदेशमंत्री मुहम्मद बिन अब्दुर्रहमान आले सानी से भेंटवार्ता की।

प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए ईरान और रूस, चीन, ब्रिटेन, फ़्रांस और जर्मनी पर आधारित गुट चार धन एक के प्रतिनिधियों की वार्ता दिसम्बर 2021 में विएना में शुरु हुई और मार्च 2022 में यूरोपीय संघ के विदेश नीति प्रभारी जोज़ेफ़ बोरल के सुझाव पर रोक दी गयी।

क़तर सहित बहुत से देशों ने मध्यस्थता और संदेशों के आदान प्रदान का प्रयास किया। क़तर के विदेशमंत्रालय ने भी दोहा में प्रतिबंधों को समाप्त करने के लिए आयोजित होने वाली वार्ता के बारे में एक बयान जारी करके कहा कि आशा है कि वार्ता का परिणाम सकारात्मक रहेगा।

ईरान और अमरीका के बीच अप्रत्यक्ष वार्ता शुरु होने का अर्थ यह नहीं है कि परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने से दोनों ही पक्ष निकट हो गये हैं,क्योंकि समझौते तक पहुंचना अमरीका के राजनैतिक फ़ैसले पर निर्भर है और समझौते पर हस्ताक्षर प्रतिबंधों को उठाने और ईरान को एक विश्वासनीय गैरेंटी देने पर निर्भर है। इस तरह से एक मज़बूत समझौते तक पहुंचा जा सकता है, प्रतिबंधों को प्रभावी ढंग से उठाने और ईरान के हितों की गैरेंटी देने से ही यह समझौता हासिल हो सकता है और यही कारण है कि ईरान ने वार्ता की मेज़ पर समझौते तक पहुंचने के लिए आवश्यक और अच्छे सुझाव पेश किए हैं