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उलमा आए एक साथ मुस्लिम एकता का लिया संकल्प, मुसीबत में इस्राईल की ओर झुकाव रखने वाली सरकारें

 

 

इस्लाईल और अमरीका का मुक़ाबला करने वाले रेज़िस्टेंस फ्रंट के उलमा की बैठक दक्षिणी लेबनान के सैदा शहर में हुई जिसका विषय फ़िलिस्तीन का समर्थन और इस्राईल से रिश्ते बहाल करने की अरब सरकारों की नीतियों की आलोचना करना था।

लेबनान के वरिष्ठ सुन्नी धर्मगुरू ने कहा कि रेज़िस्टेंस फ़्रंट का हिस्सा होने पर हमें गर्व है। इसी रास्ते पर एकता के साथ चलकर हम फ़िलिस्तीन को आज़ाद करा सकते हैं। जो मुस्लिम सरकारें ग़द्दारी कर रही हैं उनका फ़िलिस्तीनी जनता के बीच कोई स्थान नहीं होगा।…..लेबनान के एक अन्य सुन्नी धर्मगुरू ने इमाम ख़ुमैनी को याद करते हुए कहा कि इमाम ख़ुमैनी ने हमेशा फ़िलिस्तीन की आज़ादी की बात की और शिया सुन्नी एकता के लिए काम किया। आयतुल्ला ख़ामेनेई भी इस विषय को हमेशा प्राथमिकता में रखते हैं। उनके सुझाव और प्रस्ताव इस्राईल से हमारी जंग में चेराग़ का काम करते हैं हम इस्राईल से रिश्त बहाल करने की नीतियों की आलोचना करते हैं।…..हिज़्बुल्लाह के डिप्टी जनरल सेक्रेट्री शैख़ नईम क़ासिम ने इस बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि इस्लामी जगत के सबसे प्रमुख मुद्दे यानी फ़िलिस्तीन और इस्लामिक रेज़िस्टेंस के केन्द्र में रखकर मुसलमान एकजुट हो सकते हैं और इस्लामी जगत के मुद्दों का समाधान कर सकते हैं।……उन्होंने कहा कि इस्राईल को केवल रेज़िस्टेंस से हराया जा सकता है वह बात चीत का रास्ता स्वीकार करने वाला शासन नहीं है। शुक्रवार को अपनी तक़रीर में इमाम ख़ामेनेई ने कहा कि इस्राईल से रिश्ते स्थापित करने वाले दरअस्ल इस्लामी जगत से ग़द्दारी कर रहे हैं इसका मुक़ाबला किया जाना चाहिए। दो महीने बाद लेबनान की राजधानी बैरूत में इस्लामी रेज़िस्टेंस फ़्रंट के उलमा की एक और बैठक होगी। बैठक में शामिल उलमा ने कहा कि फ़िलिस्तीनियों की मदद के लिए और इस्राईल से रिश्ते क़ायम करने की कुछ सरकारों की कोशिशों पर अंकुश लगाने के लिए इस्लामी जगत को आगे आना होगा।

सैदा से आईआरआईबी के लिए हसन अज़ीमज़ादे की रिपोर्ट