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एनसीईआरटी की किताबों से आपातकाल से लेकर गुजरात दंगों तक के अध्याय को हटा दिया जाएगा

 

इंडियन एक्सप्रेस की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत में एनसीईआरटी की किताबों से आपातकाल से लेकर गुजरात दंगों तक के अध्याय को हटा दिया जाएगा।

17 जून को एनसीईआरटी ने बताया था कि गुजरात दंगे, आपातकाल और दूसरे कई अध्यायों को पाठ्य पुस्तक से हटा दिया है। गुरुवार को एक नोटिफ़िकेशन जारी करते हुए एनसीईआरटी ने लिखा कि कोरोना महामारी के मद्देनज़र पाठ्यपुस्तक को रैशनल होना चाहिए, इसलिए संशोधन करने का फ़ैसला किया गया है।

बिहार में बीजेपी के सहयोगी दल जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने कहा है कि इतिहास तो इतिहास है, इसे पलटा नहीं जा सकता है।

इससे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी इस मुद्दे पर स्पष्ट राय दे चुके हैं। उन्होंने भी हाल में कहा था कि इतिहास को दोबारा नहीं लिखा जा सकता है।

वहीं त्यागी का कहना था कि कौन सा अध्याय रहे और कौन सा हटा दिया जाना चाहिए, यह इतिहासकारों और शोधकर्ताओं पर छोड़ दिया जाना चाहिए। जेडीयू के अलावा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने भी इसकी आलोचना की है। इसके अलावा राजद के सांसद मनोझ झा ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा है कि बीजेपी एक ऐसा अतीत पेश करने की कोशिश कर रही है जो कभी था ही नहीं।