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ओपेक प्लस तेल उत्पादक देशों ने तेल का उत्पादन 36 लाख बैरल कम करने पर सहमति की!

ओपेक प्लस तेल उत्पादक देशों ने तेल का उत्पादन कम करने पर सहमति की है। रूस के उप प्रधानमंत्री इलेग्ज़ंडर नोवाक ने कहा कि ओपेक प्लस की बैठक में सहति बन गई है कि रोज़ाना के तेल उत्पादन में 36 लाख 60 हज़ार बैरल की कमी की जाएगी ताकि तेल के बाज़ार में स्थिरता बनी रही।

सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री प्रिंस अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान ने कहा कि उनका देश रोज़ाना के उत्पादन में 10 लाख बैरल की कटौती करेगा और यह फ़ैसला जुलाई से लागू हो जाएगा।

सऊदी ऊर्जा मंत्री ने ओपेक की बैठक के बाद प्रेस कान्फ़्रेंस में कहा कि यह कटौती एक महीना जारी रहेगी और उसके बाद इसे जारी रखने या ख़त्म करने के बारे में फ़ैसला किया जाएगा। उनका कहना था कि इस फ़ैसले से तेल के बाज़ार में स्थिरता को मेनटेन किया जा सकेगा।

रोयटर्ज़ ने नोवाक के हवाले से रिपोर्ट दी कि रूस रोज़ाना के तेल उत्पादन में 5 लाख बैरल की कटौती करेगा। उन्होंने कहा कि तेल का बाज़ार संतुलित है और डिमांड धीरे धीरे बढ़ रही है।

इराक़ के तेल मंत्रालय ने कहा है कि वह 2 लाख 11 हज़ार बैरल की कटौती करेगा और यह सिलसिला वर्ष 2024 के आख़िर तक जारी रहेगा। इमारात ने 1 लाख 44 हज़ार बैरल की कटौती करने का फ़ैसला किया है। कुवैत भी 1 लाख 28 हज़ार बैरल की कमी कर रहा है।

ओपेक प्लस देश दुनिया का कुल 40 प्रतिशत तेल पैदा करते हैं। इसका मतलब यह है कि इस संगठन के फ़ैसले का दुनिया के तेल बाज़ारों पर असर ज़रूर पड़ेगा।