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ओवैसी की पार्टी के खिलाफ हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को जारी किया नोटिस-रजिस्ट्रेशन रद्द करने की होरही है माँग,जानिए पूरा मामला

नई दिल्ली: ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन का रजिस्ट्रेशन रद्द करने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दर्ज याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है,याचिका में याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ओवैसी की पार्टी धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उलंघन करती है इसलिए पार्टी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर देना चाहिए।

असदउद्दीन ओवैसी अपनी पार्टी के इकलौते साँसद हैं जिनकी पार्टी कई दशकों से हैदराबाद में सक्रिय राजनीति का हिस्सा हैं,दिल्ली हाईकोर्ट में वकील विष्णु नारायण जैन ने जनहित याचिका दर्ज कराई है. इसमें कहा गया है ओवैसी की पार्टी के नेता वोट लेने के लिए भड़काऊ और नफरत भरे भाषण देते हैं, जो जनप्रतिनिधि एक्ट 1951 का खुला उल्लंघन है. जनप्रतिनिधि एक्ट की धारा 123 धार्मिक अपील के जरिये वोट मांगने पर रोक लगाती है।

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है. तीन दिसंबर को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई होगी,याचिकाकर्ता का कहना है कि ओवैसी की पार्टी मुस्लिम वोट पाने के लिए हिंदू देवी-देवताओं को खुलेआम गालियां देती है. याचिकाकर्ता ने सुनवाई के दौरान दिल्ली हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट का वह आदेश दिखाया जिसमें साफ तौर से लिखा हुआ है कि धार्मिक आधार पर देश में वोट नहीं मांगे जा सकते।

याचिका में यहां तक कहा गया है कि ओवैसी की पार्टी का रजिस्ट्रेशन अगर रद्द नहीं किया गया तो देश में यह दूसरे बंटवारे की वजह हो सकती है. याचिका में कहा गया है कि जिस पार्टी का आधार ही सांप्रदायिक है, वो धर्मनिरपेक्ष कैसे रह सकती और निष्पक्ष चुनाव देश मे बाधित कर सकती है. याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि ओवैसी की पार्टी ऑल इण्डिया मजलिस ऐ इत्तेहादुल मुस्लिमीन मुस्लिम लीग की कार्बन कॉपी है।